– प्रदेश भाजपा के मीडिया प्रभारी रहे लोेकेंद्र पारासर को पार्टी का प्रदेश मंत्री बनाया गया है। सवाल यह है कि अब वे क्या करेंगे? दूसरे कई मीडिया प्रभारियों की तरह वे भी विधानसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। बताते हैं उन्होंने अपने लिए विधानसभा सीट भी तय कर रखी है। पर क्या पार्टी नेतृत्व उन्हें टिकट देगा? इस मसले पर मीडिया प्रभारियों का अब तक का इतिहास निराश करने वाला है। मीडिया प्रभारी रहे दीपक विजयवर्गीय हर बार टिकट मांगते हैं। टिकट मांगते-मांगते वे पार्टी से ही किनारे हो गए हैं। स्वर्गवासी हो चुके विजेश लुनावत को भी न राज्यसभा मिली और न ही पार्टी का टिकट। मीडिया प्रभारी रहे डॉ हितेश वाजपेयी और गोविंद मालू भी सिर्फ टिकट का इंतजार ही कर रहे हैं। साफ है भाजपा नेतृत्व ने अब तक किसी मीडिया प्रभारी को चुनाव नहीं लड़वाया। अलबत्ता, प्रभात झा जरूर ऐसे अपवाद हैं जो मीडिया प्रभारी के बाद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के साथ राज्यसभा सदस्य भी रहे। विधानसभा चुनावों के ठीक 6 माह पहले लोकेंद्र को हटाने से कई तरह की अटकलें हैं और उनके राजनीतिक भविष्य वे को लेकर कई तरह के कयास भी। वे संगठन का काम देखते हैं, निगम-मंडलों में जगह पाते हैं, वापस पत्रकार बनते हैं या टिकट हासिल कर चुनाव लड़ते हैं, देखना दिलचस्प होगा।
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