कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की प्रचंड जीत हुई. इस जीत का लोग अपने-अपने हिसाब से विश्लेषण कर रहे हैं. कुछ ने राहुल गांधी और उनकी भारत जोड़ो यात्रा को श्रेय दिया तो कुछ ने मल्लिकार्जुन खरगे फैक्टर को जीत की वजह बताया. कुछ डीके शिवकुमार तो कुछ प्रियंका गांधी को बड़ी जीत के लिए क्रेडिट दे रहे हैं. इस बीच एक नाम जिसकी चर्चा कम हो रही है, वो हैं नरेश अरोड़ा.
नरेश अरोड़ एक दिग्गज चुनावी रणनीतिकार माने जाते हैं. वह पर्दे के पीछे से काम करते हैं. वह स्क्रीन पर नहीं आते. जो स्क्रीन पर आते हैं, नरेश अरोड़ा उनके लिए ग्राउंड तैयार करते हैं. जी हां, नरेश ने कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार के साथ मिलकर काम किया और पार्टी की जीत के लिए खूब मेहनत की. चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के लिए एक थिंक-टैंक के रूप में काम किया.
कौन हैं नरेश अरोड़?
पंजाब के अमृतसर के रहने वाले नरेश अरोड़ डिजिटल मार्केटिंग के दिग्गज हैं. वह बेंगलुरु में रह रहे हैं. इलेक्शन मैनेजमेंट पर उनकी एक कंपनी है डिजाइन बॉक्स. वह पिछले सात साल से चुनावी क्षेत्र में काम कर रहे हैं. वह लाइमलाइट में रहने के बजाय पर्दे के पीछे रहकर काम करने में विश्वास करते हैं. नरेश राजस्थान में भी कांग्रेस के लिए काम कर रहे हैं.
नरेश अरोड़ ने दिलाई कई सफलता
नरेश अरोड़ा ने 2017 में पहली बार अपना जलवा दिखाया था, जब कांग्रेस के सुनिल जाखड़ को 190,000 वोट मार्जिन के साथ बड़ी जीत दिलाई थी. इसके बाद उन्होंने हिमाचल प्रदेश उपचुनाव, 2018 में पंजाब नगरपालिका चुनाव और 2018 में ही शाहकोट उपचुनाव सहित कई मौकों पर अपनी ताकत साबित की है. वह ड्रग्स के खिलाफ पंजाब सरकार के लिए स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के डिजिटल मीडिया विशेषज्ञ भी हैं.
कर्नाटक में किया 140 सीट दिलाने का दावा
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में नरेश अरोड़ा ने कांग्रेस के लिए 140 सीटों का टारगेट रखा था. वह पिछले दो साल से कर्नाटक में पार्टी के लिए काम कर रहे थे. नरेश ने शिवकुमार से सर्वे के आधार पर 140 सीटें दिलाने का दावा किया था. यह संख्या लगभग सच साबित होती है, जहां कांग्रेस पार्टी को 135 सीटें मिली हैं. नरेश कहते हैं कि यह दो साल की मेहनत का फल है.