सचिन पायलट की पदयात्रा का आज दूसरा दिन, कांग्रेस ने दिल्ली में बुलाई हाईलेवल मीटिंग
जयपुर: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सचिन पायलट की जन संघर्ष यात्रा का आज दूसरा दिन है। पायलट आज सुबह 8 बजे किशनगढ़ टोल से अपनी यात्रा शुरू करेंगे।
वह अपने हजारों समर्थकों के साथ सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ पद यात्रा पर निकले हैं। सचिन पायलट अपनी 125 किलोमीटर लंबी यात्रा को 5 दिन में पूरा करेंगे। इस दौरान उनके निशाने पर सीएम गहलोत हैं। उनकी मांग है कि वसुंधरा सरकार में हुए घोटालों की जांच की जाए।
आज यात्रा का दोपहर का पड़ाव बिड़ला स्कूल के पास होगा वहीं, गैजी मोड़ पड़ासौली में यात्रा का रात्रि विश्राम होगा। यात्रा के दौरान सचिन पायलट जगह-जगह सभा को भी संबोधित कर रहे हैं। सचिन पायलट की मांग है कि BJP सरकार के भ्रष्टाचार की जांच हो। साथ ही 45 हजार करोड़ के खानन घोटाले पर एक्शन हो। पायलट का कहना है कि चुनाव से पहले सरकार को सच बताना चाहिए। राजस्थान सरकार एजेंसियों का इस्तेमाल करे, सरकार की विश्वसनीयता के लिए जांच जरूरी है।
पायलट की यात्रा का दूसरा दिन
सुबह 8 बजे- किशनगढ़ टोल से यात्रा शुरू
सुबह 11 बजे- बिड़ला स्कूल के पास विश्राम
शाम 4 बजे- बिड़ला स्कूल के पास से यात्रा शुरू
शाम 7 बजे- गैजी मोड़ पड़ासौली में रात्रि विश्राम
दिल्ली में हाई लेवल मीटिंग.. किसके पाले में गेंद?
राजस्थान में एक तरफ सचिन पायलट की यात्रा जारी है वहीं दूसरी तरफ सीएम गहलोत भी खुलेआम सभाओं में पायलट पर निशाना साध रहे हैं। इन सब के बीच आज राजस्थान के मुद्दे पर दिल्ली में एक हाई लेवल मीटिंग होने जा रही है। ये मीटिंग राजस्थान के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने बुलाई है। इसमें कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और तीनों सह प्रभारी भी मौजूद रहेंगे। इस मीटिंग में राजस्थान के ताजा हालात पर मंथन होगा। वहीं सूत्रों की मानें तो कांग्रेस आला कमान सचिन पायलट के मुद्दे पर कर्नाटक विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद कोई बड़ा फैसला ले सकता है।
‘उसकी प्रशंसा में मेरे लिए कोई सद्भावना नहीं’
सचिन पायलट सीएम अशोक गहलोत पर वसुंधरा राजे के खिलाफ जांच नहीं कराने का आरोप लगा रहे हैं। वहीं, वसुंधरा राजे के निशाने पर अशोक गहलोत हैं। वसुंधरा ने कहा कि अशोक गहलोत को 2003 के बाद कभी बहुमत नहीं मिला। वह मुझे अपना सबसे बड़ा दुश्मन और अपने रास्ते का कांटा मानते हैं इसलिए उसकी प्रशंसा में कोई सद्भावना नहीं है, केवल द्वेष है।