महाकालेश्वर मंदिर में सराहनपुर उत्तर प्रदेश से आए निखिल राज पिता राजकुमार कश्यप, नूपुर और आकांक्षा बाबा महाकाल के दर्शन करने उज्जैन आए थे. उनकी मंशा थी कि गर्भग्रह में पहुंचकर बाबा महाकाल को जल अर्पित करें.
उज्जैन: श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति महाकाल मंदिर मे श्रद्धालुओं के लिए चाहे कितनी ही अच्छी व्यवस्था होने के दावे कर ले लेकिन इसके बाद भी महाकाल के भोले भाले भक्त लगातार ठगी का शिकार हो रहे हैं. बुधवार को फिर उत्तर प्रदेश से आए श्रद्धालुओ के साथ गर्भग्रह मे जलाभिषेक की रसीद के नाम पर फिर 4500 की ठगी हो गई.
रुपए देने के बाद भी जब श्रद्धालुओं को बाबा महाकाल के दर्शन नहीं हुए तो उन्होंने मंदिर के कार्यालय पहुंचकर एक लिखित शिकायत दी और ऐसे धोखेबाजो के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने की मांग श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति से की थी जिन्होंने महाकाल थाने में 2 लोगों के खिलाफ 420 का प्रकरण दर्ज करवाया है.
क्या है मामला, कैसी हुई ठगी
महाकालेश्वर मंदिर में सराहनपुर उत्तर प्रदेश से आए निखिल राज पिता राजकुमार कश्यप, नूपुर और आकांक्षा बाबा महाकाल के दर्शन करने उज्जैन आए थे. उनकी मंशा थी कि गर्भग्रह में पहुंचकर बाबा महाकाल को जल अर्पित करें. उन्हें मंदिर की व्यवस्थाओं की कोई जानकारी नहीं थी. यह लोग मंदिर के बाहर जब गर्भग्रह में जलाभिषेक करने की जानकारी जुटा रहे थे, उसी समय उनका संपर्क प्रोटोकॉल कार्यालय के सामने हारफूल की दुकान पर सामान बेच रहे राजेश वर्मा से हुआ था. राजेश ने इन लोगों को आसानी से गर्भग्रह में दर्शन करवाने का भरोसा दिलाया और उनकी मुलाकात मुकेश कोठारी से करवा दी.
3 लोगों के दर्शन करने के नाम पर लिए 4500 रुपए
मुकेश ने इन लोगों से गर्भग्रह में दर्शन के नाम पर प्रति व्यक्ति 1500 रुपए शुल्क लगने की बात कही. क्योंकि श्रद्धालुओं को मंदिर में लगने वाले दर्शनों की टिकट की कोई जानकारी नहीं थी, इसीलिए उन्होंने 3 लोगों को दर्शन करने के नाम पर मुकेश को 4500 रुपए दे दिए. मुकेश के द्वारा दी गई टिकट के बाद यह लोग जब 4 नंबर गेट से महाकाल मंदिर में दर्शन करने पहुंचे तो यहां खड़े सुरक्षा अधिकारी राजकुमार सिंह, सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल, महावीर बाली, अनिल टोपे, प्रिंस चौहान और विजय मालवीय ने ऑनलाइन रसीद में कुछ गड़बड़ी होने के बाद निखिल से कही थी.
क्यूआर कोड के साथ ही जब आॅनलाइन परमिशन का रिकॉर्ड खंगाला गया तो इन रसीदो में भी श्रद्धालु निखिल नूपुर और आकांक्षा के नाम कहीं नहीं थे. एक टिकट पर मुकेश कोठारी का फोटो लगा था, जबकि टिकट के अन्य 2 पन्ने तो पहली टिकट की फोटोकॉपी ही थे.
सुरक्षाकर्मियों ने इन लोगों को दर्शन करने से रोका
सुरक्षाकर्मियों ने इन लोगों को दर्शन करने से रोका और इस पूरे मामले से मंदिर प्रशासक संदीप सोनी को अवगत करवाया. जिसके बाद इस धोखाधड़ी की पुष्टि करने के लिए 4 नंबर गेट पर लगे फुटेज खंगाले गए. जिसमें मुकेश कोठारी भी इन श्रद्धालुओं के साथ दिखाई दिया. पूरे मामले मे श्रद्धालुओ द्वारा की गई. लिखित शिकायत पर महाकालेश्वर मंदिर समिति थाना महाकाल में मुकेश कोठारी, राकेश वर्मा के खिलाफ 420 का प्रकरण दर्ज करवाया है.