इस समय एक साथ दो पश्चिमी विक्षोभ हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में मौजूद हैं। यह दोनों विक्षोभ पाकिस्तान पर बने हुए हैं। एक साथ दो विक्षोभ के सक्रिय होने के साथ महाराष्ट्र से लेकर मालदीव तक एक द्रोणिका भी बनी हुई है।
हवा का रुख भी लगातार दक्षिणी बना हुआ है। इसके चलते अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी प्रदेश के अधिकतर जिलों में गरज-चमक के साथ वर्षा का कारण बन रही है।
इसी क्रम में शुक्रवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक दमोह में पांच, भोपाल में 3.6, नौगांव में तीन, रीवा में दो, खंडवा में एक, धार में 0.9, इंदौर में 0.8, गुना में 0.8, सागर में 0.7 मिलीमीटर वर्षा हुई। ग्वालियर, सतना, उज्जैन एवं मंडला में बूंदाबांदी हुई। कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि भी हुई है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक शनिवार को भी प्रदेश के अधिकतर जिलों में वर्षा होने की संभावना है।
इसलिए बदला मौसम
मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक उत्तरी पाकिस्तान पर हवा के ऊपरी भाग में 7.6 किलोमीटर तक की ऊंचाई तक एक पश्चिमी विक्षोभ चक्रवात के रूप में बना हुआ है। दूसरा पश्चिमी विक्षोभ दक्षिणी पाकिस्तान पर हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में बना हुआ है।
मध्य प्रदेश में निचले स्तर पर हवा का रुख दक्षिणी बना हुआ है, जबकि लगभग तीन किमी. की ऊंचाई पर हवा का रुख दक्षिणी एवं दक्षिण-पश्चिमी बना हुआ है। मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि हवाओं के साथ नमी आने के कारण पूरे प्रदेश में बादल छाए हुए हैं।साथ ही रुक-रुककर वर्षा हो रही है। इस वजह से दिन के तापमान में गिरावट दर्ज हो रही है। शनिवार को भोपाल, नर्मदापुरम, शहडोल, जबलपुर, सागर, ग्वालियर, चंबल संभागों के जिलों में वर्षा होगी। कटनी, सागर,नरसिंहपुर, पन्ना, जबलपुर, विदिशा, भिंड, रायसेन एवं दतिया जिले में ओले भी गिर सकते हैं। मौसम का इस तरह का मिजाज अभी तीन-चार दिन तक बना रह सकता है