सरकारी अस्‍पतालों में डाक्टर “सार्थक” एप पर नहीं लगा रहे हाजिरी, सीएमएचओ नहीं कर रहे कार्रवाई

 

डाक्टरों के समय पर अस्पताल आने-जाने की निगरानी के लिए “सार्थक” एप की व्यवस्था चार माह बाद भी सिर्फ नाम के लिए चल रही है। इसकी बड़ी वजह सीएमएचओ, सिविल सर्जन से लेकर बड़े अधिकारियों की ढिलाई है। स्वास्थ्य संचालनालय ने निगरानी की जिम्मेदारी जिलों में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) और सिविल सर्जन को दी थी, पर वह यह व्यवस्था लागू नहीं करा पाए हैं

सीएमएचओ और सिविल सर्जन के ऊपर यह व्यवस्था लागू कराने की जिम्मेदारी स्वास्थ्य संचालनालय में डायरेक्टर से लेकर मंत्री तक थी, पर उन्होंने भी सख्ती नहीं की। ऐसे में देर से आने-जाने वाले डाक्टरों को मौका मिल गया। कुछ डाक्टर ही सार्थक पोर्टल पर उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। मप्र चिकित्सा अधिकारी संघ व तृतीय श्रेणी कर्मचारियों के सगंठन भी सार्थक एप का शुरू से विरोध कर रहे हैं। इसके पहले स्वास्थ्य विभाग में बायोमैट्रिक से उपस्थिति का प्रयास भी विफल हो गया है।

स्वास्थ्य संचालनालय ने “सार्थक एप” से उपस्थिति अनिवार्य की थी। एक जनवरी से इसे लागू किया गया था। इसे सात दिन प्रयोग के तौर पर संचालित किया जाना था। इसके बाद अनिवार्य तौर पर इसमें उपस्थिति दर्ज कराने के निर्देश थे। मनमानी चलती रहे, इसलिए मप्र चिकित्सा अधिकारी संघ और मप्र स्वास्थ्य अधिकारी-कर्मचारी महासंघ ने इसका विरोध किया। प्रदर्शन भी किया। स्वास्थ्य मंत्री डा. प्रभुराम चौधरी को ज्ञापन दिया तो उन्होंने मना करने की जगह यथोचित निर्णय लेने की टीप लिखकर संचालनालय को भेज दी।
इस कारण एप पर हाजिरी नहीं लगाने वालों को और मौका मिल गया। बता दें के अस्पतालों की ओपीडी का समय सुबह नौ से दो बजे तक और शाम पांच से छह बजे तक है, पर आधे से अधिक चिकित्सक आधे से एक घंटे विलंब से आ रहे हैं। रजिस्टर पर हस्ताक्षर कर आने-जाने का समय अपनी मर्जी से डालते हैं। सीएमएचओ और सिविल सर्जन को इसकी परवाह ही नहीं है। यह मोबाइल एप है जिसे स्वास्थ्यकर्मियों को अपने मोबाइल पर इंस्टाल करना है। इसमें लोकेशन भी दर्ज होती है।
इनका कहना है
व्यवस्था को अनिवार्य रूप से लागू किया जाएगा। शुरू में एप में कुछ दिक्कतें आई थीं, उनके समाधान के लिए कहा था। स्वास्थ्य आयुक्त से एक बार फिर रिपोर्ट लूंगा कि व्यवस्था पूरी तरह से लागू क्यों नहीं हो पाई है।
डा. प्रभुराम चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री
एप पर कुछ डाक्टर-कर्मचारी उपस्थिति दर्ज नहीं करा रहे हैं। उन पर सख्ती करने के लिए सभी सीएमएचओ और सिविल सर्जन को इसी सप्ताह पत्र लिखेंगे। एप में कुछ दिक्कतें भी आ रही थीं, जिन्हें दूर किया गया है। इस कारण भी पूरी तरह से लागू होने में देरी हुई है।sabhar naiduniya
Scroll to Top