आयुष्मान योजना में हुआ 500 करोड़ का घोटाला, CBI से जांच कराए सरकार: कांग्रेस

 

गरीब परिवार सालाना पांच लाख तक का मुफ्त इलाज मुहैया कराने वाली आयुष्मान योजना को लेकर मप्र में जमकर राजनीति हो रही है। इस योजना में लगातार गड़बडियां सामने आ रहीं हैं। कांग्रेस ने इस योजना में करीब 500 करोड़ के घोटाले का आरोप लगाते हुए केन्द्र सरकार से सीबीआई जांच की मांग की है। कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा, कांग्रेस आरटीआई विभाग के प्रभारी अमिताभ वाजपेई ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया कि विधानसभा में भी स्वास्थ्य विभाग ने गलत जानकारी दी है।

कांग्रेस नेताओं ने कहा कि आयुष्मान पोर्टल के अनुसार प्रदेश में 627 निजी अस्पताल आयुष्मान योजना में संबद्ध हैं इनमें से अनियमितता के कारण 422 आयुष्मान अस्पतालों को निलम्बित किया जा चुका है, जबकि मध्यप्रदेश शासन ने विधानसभा में अनियमितता करने वाले मात्र 154 अस्पतालों की सूची दी है। इस योजना में गड़बड़ी करने वाले अस्पतालों एवं अनियमितता को संरक्षण देने वाले अधिकारियों, नेताओं पर मध्यप्रदेश शासन ने एफआईआर क्यों दर्ज नहीं करायी?

कांग्रेस नेताओं के मुख्य आरोप
सरकार ने विधानसभा में दिनांक 20.12.2022 को अतारांकित प्रश्न 983 में स्वीकार किया (जिसमें डेटा स्त्रोत, इनसाईट पोर्टल, एचईएम दिनांक 06.12.2022) की स्थिति में स्वीकार किया कि आयुष्मान योजना में 506 निजी अस्पताल शामिल हैं।
मप्र शासन ने इसी प्रश्न में स्वीकार किया कि ‘‘आयुष्मान भारत योजना’’ में 20 मार्च, 2020 से दिसंबर 2022 तक 51 जिलों में 5,16,589 मरीजों को इलाज में 16,10,32,40,343 रू. (रूपये सौलह अरब दस करोड़ बत्तीस लाख चालीस हजार तीन सौ तेतालीस मात्र) रुपए खर्च किए गए। इसी प्रश्न में शासन ने स्वीकार किया कि 154 आयुष्मान चिकित्सालयों में अनियमितता मिली थी जिस पर कार्यवाही की। विधानसभा में सदन में दिये गये उत्तर से सवाल यह उठता है कि मात्र 1 अस्पताल पर एफआईआर दर्ज की गई है, बाकी 153 अस्पतालों पर एफआईआर क्यों नहीं की गई?

कांग्रेस MLA ने लिखा सीएम को लेटर
विधायक जयवर्धन सिंह ने 22.12.2022 को मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि विधानसभा में शासन ने जो जानकारी पेश की है, उसमें भोपाल जिले में पब्लिक चिकित्सालय 2, प्राइवेट नॉट फॉर प्रॉफिट 3, प्राइवेट फॉर प्रॉफिट 109, कुल 114 अस्पताल बताये हैं। जबकि आयुष्मान पोर्टल पर भोपाल जिले में पब्लिक चिकित्सालय 14, प्रायवेट नॉट फॉर प्रॉफिट अस्पताल 22 और प्राइवेट फॉर प्रॉफिट 177, कुल 213 अस्पताल बताये गये हैं। विधानसभा में दी गई जानकारी एवं आयुष्मान पोर्टल की जानकारी में अंतर क्यों है?

विधायक जयवर्धन सिंह ने विधानसभा में सरकार के जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर 22.12.2022 को मुख्यमंत्री को पत्र लिखा कि विधानसभा प्रश्न क्रमांक-983 में दी गई जानकारी अधूरी है, क्योंकि चाही गई जानकारी में चिकित्सालयों के नाम, कब और क्या कार्यवाही की, अलग-अलग माँगी गई थी। जबकि उत्तर में अस्पताल का नाम और एक लाईन में कार्यवाही लिखी है, जो अधूरी है। विधायक जयवर्धन सिंह ने लिखा कि स्वास्थ्य मंत्री ने विधानसभा में दिये गये उत्तर में शासन द्वारा प्राइवेट नॉट फॉर प्रॉफिट की जानकारी निरंक दी है, जबकि शासन द्वारा प्राइवेट चिकित्सालयों की जानकारी दी है, उनमें 3 चिकित्सालय ऐसे हैं, जो प्राइवेट नॉट फॉर प्रॉफिट में आयुष्मान के पोर्टल पर दिखाए गए हैं – (1) राजदीप इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग (2) यूनिक हॉस्पिटल (3) आयुष्मान हाईटेक चिकित्सालय। एक ही चिकित्सालय 2 कैटेगिरी में कैसे हो सकता है।

आईएएस अफसरों पर हो एफआईआर
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि ‘‘422 अस्पतालों में यह गड़बड़ी अनुमानित कम से कम 500 करोड़ की हो सकती है। समाचारों में छापा था कि कई आईएएस अधिकारियों के कार्यकाल में आयुष्मान अस्पतालों को करोड़ों रूपयों का भुगतान हुआ, जिन अधिकारियों के कार्यकाल में गड़बड़ी हुई, उनके नाम इस प्रकार हैं-पल्लवी जैन गोविल-प्रमुख सचिव, मोहम्मद सुलेमान-अपर मुख्य सचिव, प्रतीक हजेला- आयुक्त, संजय गोयल-प्रमुख सचिव, आकाष त्रिपाठी-आयुक्त, सुदाम खेड़े- आयुक्त, जे. विजय कुमार-सीईओ, अनुराग चौधरी-सीईओ, सपना लोवंषी- कार्यकारी अधिकारी। कैलाष मकवाना लोकायुक्त डी.जी. रहते सपना लोवंशी के खिलाफ जांच की अनुमति मांग चुके थे। आयुष्मान योजना में 9 लाख के लेन-देन की वीडियो वायरल होने पर जांच करानी पड़ी। राज्य शासन ने आयुष्मान योजना के सीईओ अनुराग चौधरी को हटाया। इसकी वजह भी नौ लाख के लेन-देन से जुड़ा वीडियो बताया जाता है।

कांग्रेस ने आयुष्मान की वेबसाइट से जो जानकारी निकाली, उसमें निलम्बित अस्पतालों की सूची 422 बतायी गयी है, जिसमें 84 अस्पताल भोपाल के, प्रॉफिट के आयुष्मान अस्पताल 545 एवं नॉन प्रॉफिट के आयुष्मान अस्पताल 82 बताये गये हैं। अर्थात् मध्यप्रदेश में निजी आयुष्मान अस्पताल 545 मिलाकर कुल 627 को कार्यरत बताया जा रहा है। इस मान से प्रदेश में कुल 205 आयुष्मान चिकित्सालय सक्रिय हैं।

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