भोपाल:अब नहीं चलेगी स्कूलों की मनमर्जी, किसी विशेष दुकान या संस्थान से स्कूल- सामग्री लेने की बाध्यता पर होगी कार्रवाई..

 

अब नहीं चलेगी स्कूलों की मनमर्जी..!
कलेक्टर आशीष सिंह ने एसडीएम और
जिला शिक्षा अधिकारी को दिए निर्देश:-
किसी विशेष दुकान या संस्थान से स्कूल-
सामग्री लेने की बाध्यता पर होगी कार्रवाई…

नवनियुक्त कलेक्टर आशीष सिंह ने सभी एसडीएम और जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए है कि जिले में धारा 144 के अंतर्गत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी हैं जिसके अंतर्गत कोई भी शिक्षण संस्थान, स्कूल, विद्यालय अपने विद्यार्थियों को किसी विशेष संस्थान, दुकान से पुस्तक, किताब और स्टेशनरी का सामान खरीदने के लिए दबाव नहीं डालेगा और ना ही ऐसे किसी भी प्रकार के निर्देश देगा। यदि किसी स्कूल,संस्थान के विरुद्ध किसी प्रकार की शिकायत मिलती है तो उसके प्रति अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।

कलेक्टर  आशीष सिंह ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जिले में यह भी सुनिश्चित करें कि शिक्षण संस्थानों द्वारा बच्चों और पालकों पर किसी भी प्रकार का दबाब नहीं बनाया जाए । यदि किसी भी शिक्षण संस्थान द्वारा इस प्रकार का कोई निर्देश या समान खरीदने के लिए प्रेरित किया जाता है तो उन संस्थानों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए।

कलेक्टर  आशीष सिंह ने बताया कि तत्कालीन कलेक्टर  अविनाश लवानिया द्वारा फरवरी में ही इस इस संबंध में धारा 144 के अंतर्गत आदेश जारी किए गए थे। धारा 144 के अंतर्गत जारी आदेश के अनुसार भोपाल जिले में शासकीय, अशासकीय विद्यालय, कालेज संचालित है, इनमें अशासकीय स्कूलों, कालेजों, शैक्षणिक संस्थाओं में काफी बड़ी संख्या में विद्यार्थी अध्ययनरत हैं । विभिन्न सूत्रों से जानकारी में आया है, कि शिक्षण सत्र प्रारंभ होने पर कई अशासकीय शैक्षणिक संस्थानों के प्रबंधन द्वारा शाला में पढ़ने वाले विधार्थियों को उनके द्वारा बताई गई विशेष दुकान से ही पाठ्य-पुस्तकें, यूनिफार्म तथा अन्य सामग्री क्रय करने के लिये बाध्य किया जाता है तथा कई स्कूलों में स्वयं स्कूल प्रबंधन द्वारा पुस्तकें एवं यूनिफार्म तथा अन्य सामग्री विक्रय कराई जाने के सम्बंध में भी जानकारी प्राप्त हो रही है।

इस तरह की गतिविधियों के कारण इन स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों एवं उनके अभिभावकों में रोष के होने के फलस्वरूप अप्रिय स्थिति एवं तनाव हो सकता है, जिससे कभी भी कानून व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

भोपाल जिले के समस्त अशासकीय विद्यालयों / शैक्षणिक संस्थाओं में पुस्तकें एवं यूनिफार्म तथा अन्य सामग्री विक्रय कराई जाने तथा किसी विशेष दुकान से पाठ्यपुस्तकें यूनीफार्म तथा अन्य सामग्री क्रय करने हेतु बाध्य करने पर अंकुश लगाया जाना आवश्यक है । जन सामान्य के हित में समस्त अशासकीय विद्यालयों में पुस्तकें एवं यूनिफार्म तथा अन्य सामग्री विक्रय कराई जाने पर अंकुश लगाये जाने के संबंध में प्रतिबंधात्मक आदेश किए गए थे ।

जारी आदेश में स्पष्ट किया गया था कि भोपाल जिले में संचालित समस्त अशासकीय विद्यालय, जो कि माध्यमिक शिक्षा मण्डल / केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अथवा आई.सी.एस.ई. बोर्ड से सम्बंद्ध हैं। इन समस्त विद्यालयों को मध्य प्रदेश राजपत्र असाधारण दिनांक 02 दिसम्बर 2020 स्कूल शिक्षा विभाग भोपाल में उल्लेखित निर्देशों का पालन किया जाना अनिवार्य होगा। सभी अशासकीय विद्यालयों के लिये यह अनिवार्य है कि वे आगामी शिक्षण सत्र प्रारंभ होने के पूर्व लेखक एवं प्रकाशक के नाम तथा मूल्य के साथ कक्षावार पुस्तकों की सूची विद्यालय के सूचना पटल पर प्रदर्शित करें और शाला के विद्यार्थियों को ऐसी सूची मांगने पर उपलब्ध कराई जाना चाहिए ताकि विद्यार्थी एवं उनके अभिभावकगण इन पुस्तकों को उनकी सुविधा अनुसार खुले बाजार से क्रय कर सकें। प्रत्येक स्कूल प्रबंधक / प्राचार्य अपने स्कूल में प्रत्येक कक्षा में लगने वाली पाठ्य पुस्तकों तथा प्रकाशक की जानकारी को वेबसाइट E-Mail ID deobho-mp@nic.in पर अनिवार्यतः प्रेषित करेंगें ।

किसी भी प्रकार की शिक्षण सामग्री पर विद्यालय का नाम अंकित नहीं होना चाहिये। विद्यालय के सूचना पटल पर यह भी अंकित किया जाए कि किसी दुकान विशेष से सामग्री क्रय करने की बाध्यता नहीं है। कहीं से भी पुस्तकें, यूनिफार्म व अन्य आवश्यक सामग्री क्रय की जा सकती है।

पुस्तकों के अतिरिक्त शालाओं द्वारा यूनीफार्म, टाई, जूते, कापियां आदि भी उन्हीं की शालाओं से उपलब्ध, विक्रय कराने का प्रयास नहीं किया जाएगा। विद्यालय की स्टेशनरी, यूनिफार्म पर विद्यालय का नाम प्रिन्ट करवाकर दुकानों से क्रय करने अथवा एक विशिष्ट दुकान से यूनिफार्म, पाठ्यपुस्तकें बेचना पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। संबंधित एसडीएम एवं जिला शिक्षा अधिकारी इस आदेश का पालन सुनिश्चित करायेंगे।

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