पीसीएस टॉपर दिव्या सिकरवार ने खुद बताया सफलता का राज, आप भी जानिए

 नगला रामी, आगरा जिले के एत्मादपुर प्रखंड में बसा एक गुमनाम गांव है, जहां के एक निवासी ने यूपीपीएससी परीक्षा में टॉप किया है।

इसी के साथ इस उम्मीदवार के संग आस-पास के गांवों के लोगों के लड्डू बांटने और उनके साथ सेल्फी क्लिक करने के लिए कतार लग गई है। छब्बीस वर्षीय दिव्या सिकरवार ने उत्तर प्रदेश संघ लोक सेवा आयोग (UPPSC) परीक्षा 2022 में पहली रैंक हासिल की है, जिसका परिणाम बीते शुक्रवार को घोषित किया गया है। उन्होंने अपने तीसरे प्रयास में यह परीक्षा पास की है।

बीएसएफ से सेवानिवृत्त होने के बाद खेती करने वाले राजपाल सिकरवार और एक गृहिणी सरोज देवी के तीन बच्चों में सबसे बड़ी दिव्या सिकरवार ने कहा कि उनकी मां उनकी प्रेरणा का सबसे बड़ा स्रोत थीं, जो लगातार उनका उत्साह बढ़ाती रहती थीं।

सिकरवार ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘मैं अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां को दूंगा, जिन्होंने कई समस्याओं का सामना करने के बावजूद हर स्तर पर मेरा साथ दिया। मेरे पिता ने भी मुझे प्रेरित किया।’

सेल्फी के लिए अनुरोध करने वाले लोगों की खुशी-खुशी इच्छा पूरी करते हुए दिव्या ने कहा, ‘अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए दृढ़ संकल्प जरूरी है, फिर चाहे आप ग्रामीण पृष्ठभूमि से हों या शहरी पृष्ठभूमि से।’

सफलता के अपने मंत्र के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, ‘सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से दूर रहना, अध्ययन पर ध्यान केंद्रित करना और पढ़ाई के दौरान घंटों की गिनती नहीं करना जरूरी है।’

आगरा के सेंट जॉन्स कॉलेज से एमएससी करने वाली सिकरवार ने कहा कि उन्होंने कॉलेज के दौरान ही यूपीपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी। उन्होंने कहा, ‘मैंने अपने विषय समाजशास्त्र के लिए ऑनलाइन कक्षाओं की मदद लेते हुए घर पर पढ़ाई की। पढ़ाई के दौरान मैंने कभी घंटों की गिनती नहीं की। मैंने एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों की भी पूरी मदद ली।’

साल 2020 में अपने पहले प्रयास में दिव्या सिकरवार ने प्रारंभिक परीक्षा में सफलता हासिल की थी, लेकिन मुख्य परीक्षा में सफल नहीं हो सकी थीं। उसके अगले साल अपने दूसरे प्रयास में, इंटरव्यू के बाद उन्हें शॉर्टलिस्ट नहीं किया गया। दिव्या ने कहा कि उन्होंने कड़ी मेहनत जारी रखी लेकिन कभी नहीं सोचा था कि वह पहली रैंक हासिल करेंगी।

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