हिंदू धर्म में गंगाजल का विशेष महत्व है और इसे काफी पूजनीय माना जाता है। हर सनातनी के घर में गंगाजल अवश्य रहता है और यदि आपको घर में भी गंगाजल है तो इससे संबंधित कुछ नियमों का पालन जरूर करना चाहिए।
गंगा नदी को देवी दर्जा
सनातन धर्म में गंगा नदी को देवी तुल्य माना गया है। करोड़ों लोगों को अपने मीठे पानी से जीवन और सदगति करने वाली गंगा नदी का जल काफी पवित्र माना जाता है और हर हिंदू धर्मावलंबी गंगाजल को इतना पवित्र माना जाता है कि उसे घर में रखने शुभ मानते हैं। गंगाजल को घर में रखने से सकारात्मक ऊर्जा आती है।
मांगलिक कार्यों में गंगाजल का महत्व
हिंदू धर्म में जितने भी मांगलिक कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश, उपनयन संस्कार आदि में गंगाजल का इस्तेमाल जरूर होता है। ऐसे में गंगाजल को घर में हमेशा पवित्र स्थान पर ही रखना चाहिए। गंगाजल से जुड़े इन नियमों को सावधानीपूर्वक पालन करना चाहिए –
– गंगाजल को प्लास्टिक की बोतल के स्थान पर हमेशा कांच की बोतल में रखना चाहिए। इसके अलावा गंगाजल को पीतल, तांबे या चांदी के लोटे में भी रख सकते हैं।
– वास्तु के हिसाब से गंगाजल को हमेशा पूजा घर या देव स्थान पर ही रखना चाहिए। साथ ही गंगा जल को छूने से पहले खुद को स्वच्छ करना चाहिए। गंदे हाथों से गंगाजल को नहीं छूना चाहिए।
– गंगाजल को जिस स्थान पर रखते हैं, वह स्थान हमेशा साफ सुथरा रखना चाहिए। गंगाजल के आसपास मांस-मदिरा भी नहीं रखी होनी चाहिए।
– गंगाजल घर में रखा हो तो मांसाहारी भोजन नहीं बनना चाहिए। ऐसा करने से घर में नकारात्मक शक्तियों का आगमन होता है और गंगाजल का प्रभाव खत्म हो जाता है।
– गंगाजल को अंधेरी जगह नहीं रखना चाहिए। घर में जहां पर प्राकृतिक प्रकाश आता हो, वहीं पर गंगाजल का बर्तन या कांच को बोतल रखना चाहिए।
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