भाजपा बताये, देश के 52 प्रतिशत ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण का लाभ क्यों नहीं दिया जा रहा है: राजमणि पटेल


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ओबीसी, एससी-एसटी के हक अधिकारों को छीना भाजपा सरकार ने
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भाजपा बताये, देश के 52 प्रतिशत ओबीसी को 27 प्रतिशत
आरक्षण का लाभ क्यों नहीं दिया जा रहा है: राजमणि पटेल

दिनांक 31 मार्च, 2023,

ओबीसी, एससी, एसटी के हक अधिकारों का छीना गया स्वाभिमान और सम्मान को अपमानित किया गया। ओबीसी का दर्द दिखाने वाले मा. नरेन्द्र मोदी जी से पूँछना चाहते है कि देश में 52 प्रतिसत ओबीसी को 27 प्रतिसत आरक्षण का लाभ क्यों नहीं मिल रहा है। लाखों पद रिक्त हैं भरे क्यों नहीं जा रहे हैं। मडण्ल कमीशन की सिफारिसों को लागू क्यों नहीं किया जा रहा है। जाति आधारित जनगणना ओबीसी की क्यों नहीं की जा रही है। ओबीसी के छात्र-छात्राओं की करोड़ों की छात्र वृत्ति घोटाले की कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है।
ढ़ाई लाख करोड़ का कर्ज आडानी को दिया गया उसी से व्यापार कर अडानी दुनिया में नम्बर 3 का उद्योगपति बना। फिर अडानी द्वारा बैंको का कोई कर्जा वापस क्यों नहीं किया? कमाई पर कम टैक्स क्यों दिया? इसी तरह कुछ और उद्योगपति हैं। इसके बावजूद मोदी सरकार ने करीब 11 लाख करोड़ का कर्जा माफ कर दिया गया।
जबकि इस देश का अन्नदाता की फसल वर्बाद हो जाती है कर्जा नहीं चुकाता तो उसकी कुर्की हो जाती है, बिजली का बिल न देने पर कनेक्शन काट दिया जाता है। अपनी मांग के लिए प्रदर्शन करता है तो गोलियों से भून दिया जाता है। अन्त में वह आत्म हत्या के लिए मजबूर हो जाता है। लेकिन मोदी सरकार के पास किसानों का कर्जा माफ करने के लिए पैसा नहीं होता है।
इस देश का नौजवान देश के लोगों की आशा और विश्वास को लेकर गरीबों के पास पहुँचेे उनके दुःख और दर्द को समझने के लिए भारत जोड़ो यात्रा पर निकलता है। उस नौजवान राहुल गाँधी को अपार जन समर्थन और प्यार मिलता है। जनता को मोदी सरकार के वादों की याद दिलाता है। सरकार द्वारा नफरत का बाजार खोलने तथा जनतंत्र में किस तरह से विश्वास की आवाज को ईडी सीबीआई का भय दिखाकर दवाने का प्रयास किया जा रहा है। आम जनता के हक अधिकार को किस तरह से छीना जा रहा है। किस तरह से संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर किया जा रहा है। किस तरह से संस्थानों को पूँपतियों के हांथों बेचा जा रहा है। किस तरह से देश के मेहनत करने वाले 90 प्रतिसत लोगों को गुलाम बनाने का षणयंत्र हो रहा है। इन सभी मुद्दो की जानकारी देकर आम जनता से सच्चाई का साथ देने का आहवान करते हुए यात्रा में बढ़ते जाते हैं। इसी तरह जन समर्थन बढ़ता जाता है।
इससे मोदी सरकार भयभीत हो जाती है और बड़े षणयंत्र पुर्वक श्री राहुल गाँधी जी की लोक सभा की सदस्यता समाप्त करने का ताना वाना बुनकर सच की आवाज को दवाने के षणयंत्र में मोदी जी की महम भूमिका है।
राहुल जी का अपराध यही है कि यह सच्चाई की लाड़ाई लड़ रहा है। वह अडानी के मामले में  सरकार से प्रश्न करता है जानकारी चाहता है। 20 हजार करोड़ रूपये किसका है। यह जानना चाहते हैं। देश की जनता को बताना चाहते हैं। यही अपराध है कि वह किसानों की बात करता है। वेरोजगारों युवाओं की बात करता है ओबीसी के हितों की बात करता है। यह गुनाह है क्या? अगर चोर को चोर कहना ही गुनाह है तो औरो के साथ वयान के आधार पर कार्यवाही क्यों नही?
. मोदी जी भी तो चाइना में कहा था कि यह दुर्भग्य है कि मेरा जन्म भारत जैसे देश में हुआ। क्या रखा है यहॉ मोदीजी ने कहा था कि सवासौ साल की बुढ़िया कांग्रेस देश को चलाएगी, अरे वह देश के लिए बोझ है।
. श्रीमती सोनिया गॉधी जी को तो जर्सी गाय तक कहा गया है।
. नड्डा जी ने राहुल जी को एंटीनेशलिस्ट टूल किट कहा था।
. योगी ने तो कहा था कि अगर हिन्दू लड़की कोई उठाता है तो हम 100 मुस्लिम लड़कियों को उठा लाएगें और उनका सुद्धीकरण करेगें।
. भोपाल की भाजपा सांसद ने कहा था कि विदेशी की औलाद देश का भला नहीं कर सकती।
ऐसे बयान देने वाले मोदी के अलावा कई नेता हैं। उन सभी के ऊपर केश क्यों नहीं? उनकी सदस्यता समाप्त करने की कार्यवाही क्यांे नहीं?
राहुल गॉधी जी और कांग्रेस तथा सभी विपक्षी दल एक स्वर से मांग कर रहे हैं कि मोदी के कारनामों की जाँच जेपीसी द्वारा कराई जाय ताकि सच्चाई देश के जनता के सामने आ सके, इसमें डरने की क्या बात है। यदि मोदी जी की नियति लोकतंत्र, संविधान और देश की जनता के प्रति सही है तो जेपीसी से जाँच कराने के आदेश दे जिससे दूध का दूध और पानी का पानी सावित हो जाय।
लेकिन मोदी सरकार में सच्चाई का समाना करने का साहस नहीं है। इनके पास कोई जबाव नहीं है। कभी धर्मांतरण की बात करेगें कभी विकास में रोड़ा बताएंगे कभी ओबीसी बिरोधी बताकर देश की समस्याओं से ध्यान हटाने का प्रयास हो रहा है।
जहॉ तक ओबीसी का सवाल है मोदी जी ओबीसी हैं ही नहीं ओबीसी की हमदर्दी है तो ओबीसी के नेताओं के खिलाफ कार्यवाही क्यों की जाती है। देश का पैसा लूट कर किसी ओबीसी के वजाय अडानी को क्यों? कर्जा माफी में अडानी के अलावा कोई ओबीसी किसान वेरोजगार को क्यों नहीं?

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