घाटों को चमकाना गंगा की सफाई नहीं, अब मोदी सरकार से दरक रहा भरोसा:ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य

घाटों को चमकाना गंगा की सफाई नहीं, अब मोदी सरकार से दरक रहा भरोसा

ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने सोमवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा. इसके साथ ही उन्होंने सनातन धर्म में नेतृव की कमी बताई और धार्मिक स्थल को पर्यटक स्थल बनाने पर भी आपत्ति जाहिर की.

 

वाराणसीः काशी में अपने प्रवास के दौरान ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती अपने गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के सपनों को पूरा करेंगे. इसके लिए वो 10000 छात्रों का गुरुकुल बनाएंगे. गुरुकुल के लिए उन्होंने जमीन भी देख ली है. जल्द ही उस पर कार्य शुरू हो जाएगा. शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि काशी विश्वनाथ मंदिर में बहुत कुछ ऐसा हो रहा है, जो नहीं होना चाहिए. हमारे धार्मिक स्थल को पर्यटन स्थल बनाया जा रहा. हर तीर्थ स्थल की सजग होकर उसकी रक्षा करनी होगी. इस दौरान ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य ने गंगा की सफाई को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर भी निशाना साधा.

सनातन धर्म में नेतृत्व की कमी: शंकराचार्य ने सनातन धर्म में नेतृव की कमी बताई. उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे टुकड़ों में नेतृत्व हो रहा है, जो किसी के साथ चल नहीं रहा है. इसलिए, सनातन धर्म कमजोर हो रहा है और जहां कोई कमजोर होता है, वहां उसके खिलाफ हर कोई खड़ा हो जाता है. आज हर कोई सनातनी पर आरोप लगा रहा है.

घाट चमकाना और टेंट लगाना गंगा की सेवा नहीं: शंकराचार्य ने इस दौरान केंद्र की बीजेपी सरकार को भी घेरा. उन्होंने कहा कि गंगा को अविरल और निर्मल बनाने का आंदोलन चलता रहेगा. वह सबके हृदय में है. केंद्र की मोदी सरकार पर भरोसा है कि वह कुछ करेंगे. लेकिन, धीरे-धीरे यह भरोसा अब दरक रहा है. गंगा की धारा को निर्मल करना जरूरी है. घाटों को चमका देना गंगा की सेवा नहीं है. घाट किनारे टेंट सिटी बनाकर उसे जगमगा देना गंगा की सेवा नहीं है. गंगा की धारा तेज होनी चाहिए. उसका जल स्वच्छ होना चाहिए. यह गंगा की सेवा है.

पांचाग में कोई त्रुटि नहीं: हिंदू वर्ष में लगातार कोई भी पर्व 2 दिन पड़ने को लेकर ज्योतिष्पीठाधीश्वर ने कहा कि पंचांग बनाने में त्रुटि नहीं है. बस इसे सही से प्रस्तुत करने की जरूरत है. वहीं, 10 हजार छात्रों के लिए गुरुकुल बनाने को लेकर उन्होंने कहा कि गुरुदेव पूज्य शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती की यह अंतिम इच्छा थी कि दस हजार बच्चों का गुरुकुल बनाया जाए, ताकि भारतीय संस्कृति की शिक्षा उनको मिल सके. इसमें पढ़कर बच्चे जब देश का नेतृत्व करेंगे. तब वातावरण बदेलगा. इसी दृष्टि से उनके अंतिम इच्छा पर पहल करते हुए मध्य प्रदेश में 108 बच्चों का गुरुकुल खड़ा किया गया. जबलपुर में 1008 बच्चों का गुरुकुल का शिलान्यास किया जा चुका है. अब वाराणसी में 10 हजार बच्चों के लिए गुरुकुल बनाने की तैयारी की जा रही है.

Shares