अपनी सुरक्षा को लेकर राजस्थान भर के पत्रकार 21 मार्च को विधानसभा का घेराव करेंगे

 

=================
अपनी सुरक्षा और विभिन्न मांगों को लेकर राजस्थान भर के पत्रकार 21 मार्च को जयपुर में विधानसभा का घेराव करेंगे। इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट के प्रदेश अध्यक्ष उपेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि घेराव में सभी प्रेस क्लब और पत्रकार संगठनों की भूमिका को इसलिए संयुक्त पत्रकार संगठन मोर्चा का गठन किया गया है। प्रदेश भर के पत्रकार प्रात: 10 बजे जयपुर में पिंक सिटी प्रेस क्लब पर एकत्रित होंगे और फिर पैदल मार्च कर विधानसभा तक पहुंचेंगे। राठौड़ ने इस बात पर अफसोस जताया कि राज्य सरकार को कई बार पत्रकारों की मांगों से अवगत कराया गया, लेकिन कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई। मजबूरन पत्रकारों को विधानसभा का घेराव करना पड़ रहा है। राठौड़ ने सभी पत्रकारों से अपील की कि वे अपने अधिकारों के लिए घेराव में शामिल हो। पत्रकारों के इस प्रदर्शन के बारे में और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9928096254 पर उपेंद्र राठौड़ से ली जा सकती है।
वहीं आईएफडब्ल्यूजे के प्रदेश सचिव मनवीर सिंह चुंडावत ने बताया कि घेराव के बाद सरकार को एक मांग पत्र दिया जाएगा। पत्रकारों के लिए निम्न मांग की गई है, जिसमें पत्रकार सुरक्षा कानून आईएफडब्ल्यूजे के मसौदे के आधार पर राज्य में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू किया जाए । पूर्व में राजस्थान सरकार द्वारा वरिष्ठ पत्रकारों के लिए पेंशन योजना केवल अधिस्वीकृत पत्रकारों के लिये लागू की गई थी। किन्तु काफी ऐसे वरिष्ठ पत्रकार है जिनका अधिस्वीकरण नहीं होने के कारण इस योजना का लाभ लेने से वंचित है, जिनका अधिस्वीकरण नहीं हुआ है उन्हें भी इस योजना में शामिल किया जाए। जनसंपर्क निदेशालय में पत्रकारों के लंबित प्रकरणों का निस्तारण शीघ्रतिशीघ्र किया जाए एवं पत्रकारों द्वारा प्रस्तुत प्रकरणों का निस्तारण अवधि तय करते हुए जवाबदेही तय की जाए। पत्रकारों के प्रकरणों के शीघ्र निस्तारण के लिए सप्ताह में एक दिन जनसुनवाई के तय किया जाए जिससे पत्रकारों को राहत मिल सके। पत्रकार एवं उसके आश्रितों को वर्तमान में दी जा रही चिकित्सा राशि कम है। इस राशि को तीन लाख से बढ़ाकर बीस लाख रुपए की जाए एवं अस्पताल में भर्ती होने की अवस्था मे पूर्ण नि:शुल्क उपचार की सुविधा प्रदान की जाए। प्रदेश के सभी शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के पत्रकारों को जिला तथा उपखंड स्तर पर सूचना एवं जनसम्पर्क कार्यालय द्वारा समस्त रूप से सूची तैयार की जाए । पत्रकार द्वारा वर्ष का कार्यकाल पूर्ण करने पर अन्य राज्यों की तर्ज पर अधिस्वीकृत पत्रकार की श्रेणी में सम्मिलित किया जाए । शहरी तथा ग्रामीण पत्रकारों के आवास हेतु निशुल्क भूखंड आवंटित किए जाए। वर्तमान में कई जिलों के लंबित आवासीय व्यवधानों को शीघ्र निष्पादित करते हुए उनका आवंटित किया जाए। राज्य सरकार द्वारा संचालित व अधीन उच्च शिक्षण संस्थानों में पत्रकारों के बच्चों के लिए स्थान आरक्षित करते हुए नि:शुल्क शिक्षा का प्रावधान सुनिश्चित किया जाए। राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम की बसों में विगत पांच वर्षों से सक्रिय रूप से कार्यरत पत्रकारों को नि:शुल्क यात्रा की सुविधा गंतव्य तक तथा ऑनलाईन बुकिंग की भी सुविधा दी जाए। आईएफडब्ल्यूजे राजस्थान इकाई को विभागीय मान्यता शीघ्रतिशीध प्रदान की जाए । छोटे, मझौले व साप्ताहिक एवं पाक्षिक समाचार पत्र-पत्रिकाओं को प्रतिमाह पांच डिस्पले विज्ञापन समान रूप से उपलब्ध कराए जाएं। राज्य सरकार द्वारा समय समय पर आयोजित सरकारी समारोह आयोजनों में आईएफडब्ल्यूजे के पदाधिकारियों को आमंत्रित किया जाए। आईएफडब्ल्यूजे के प्रतिनिधियों को प्रदेश के दौरों के लिए नि:शुल्क वाहन तथा सभी सर्किट हाउस डाक बंगलों में निशुल्क ठहरने की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। जनसम्पर्क निदेशालय द्वारा गठित सभी कमेटियों में आईएफडब्ल्यूजे को प्रतिनिधित्व दिया जाए।

साभार:.P.MITTAL

Shares