आखिर राहुल गांधी के घर पर पुलिस के आने की हिम्मत कैसे हुई?-मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
राहुल गांधी अब लिखित में जवाब देंगे।
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भारत जोड़ों यात्रा के समापन पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में कहा था, यात्रा के दौरान उन्हें अनेक महिलाएं मिली जिन्होंने बलात्कार होने की शिकायत की। इन महिलाओं का यह भी कहना रहा कि शिकायत करने पर भी पुलिस ने कोई मदद नहीं की। इस बयान पर दिल्ली पुलिस ने राहुल गांधी को दो नोटिस दिए और बलात्कार पीडि़ताओं की पहचान बताने का आग्रह किया। लेकिन इन दोनों ही नोटिसों का राहुल गांधी ने कोई जवाब नहीं दिया। जवाब नहीं देने के कारण ही 19 मार्च को दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर सागर प्रीत हुडा पुलिस दल के साथ राहुल गांधी के सरकारी आवास पर पहुंचे। हुडा ने बताया कि राहुल गांधी के बयान के बाद दिल्ली पुलिस भी चिंतित है। यदि किसी महिला के साथ बलात्कार हुआ है तो उसकी जानकारी पुलिस को होनी चाहिए। ताकि आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही हो सके। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की यात्रा दिल्ली से होकर भी गुजरी थी, इसलिए हम यह जानना चाहते हैं कि बलात्कार पीड़ित महिलाओं ने दिल्ली की महिलाएं कितनी हैं। दिल्ली पुलिस के राहुल गांधी के घर पर पहुंचने से कांग्रेस में हड़कंप मच गया। सुप्रीम कोर्ट के वकील और कांग्रेस के नेता अभिषेक मनु सिंघवी तत्काल ही राहुल गांधी के आवास पर पहुंच गए। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 18 मार्च से ही दिल्ली में है। राहुल के घर पुलिस पहुंचने की सूचना मिलते ही गहलोत भी तत्काल राहुल के आवास पर पहुंच गए। राहुल से मुलाकात करने से पहले ही गहलोत ने घर के बाहर मीडिया से कहा कि आखिर राहुल गांधी के घर पर पुलिस के आने की हिम्मत कैसे हुई? उन्होंने कहा कि राहुल कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं और पुलिस बेवजह उन्हें डराना चाहती है। गहलोत ने आरोप लगाया कि यह सब पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के इशारे पर हो रहा है। देश की जनता समय आने पर माकूल जवाब देगी। वहीं भारत जोड़ों यात्रा के संयोजक जयराम रमेश ने कहा कि यात्रा समाप्त हुए 45 दिन हो गए हैं और अब पुलिस को बलात्कार पीड़ित महिलाओं की चिंता हुई है। राहुल गांधी के आवास पर पहुंचे कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने जो नोटिस दिए हैं, उसका जवाब दिया जा रहा है। लेकिन इसके बाद भी पुलिस का आना यह दर्शाता है कि राहुल गांधी को तंग किया जा रहा है। केंद्र सरकार चाहती है कि राहुल गांधी अडानी के मुद्दे को न उठाए।
आखिर पीड़िताओं के नाम क्यों नहीं बताते राहुल:
कांग्रेस नेताओं के तर्क अपनी जगह है, लेकिन सवाल उठता है कि राहुल गांधी उन पीड़िताओं के नाम क्यों नहीं बताते जिन्होंने बलात्कार की शिकायत की है। राहुल गांधी न केवल सांसद है, बल्कि एक राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। राहुल गांधी जो बात कहते हैं उसमें सच्चाई होना माना जाता है। यदि बलात्कार पीड़ित महिलाओं की सुनवाई नहीं हो रही है तो जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही भी होनी चाहिए। यदि वाकई बलात्कार पीड़ित महिलाएं राहुल गांधी से मिली है तो उन्हें नाम भी बताने चाहिए। भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान से भी होकर गुजरी थी। सवाल उठता है कि क्या राजस्थान में भी किसी महिला ने बलात्कार होने की बात राहुल गांधी को बताई? राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार चल रही है। यदि राजस्थान में भी बलात्कार की शिकायतें मिली है तो यह और भी गंभीर बात है।
लिखित में जवाब देंगे:
19 मार्च को दिल्ली पुलिस के आयुक्त सागर प्रीत हुडा ने राहुल गांधी से मुलाकात के बाद बताया कि राहुल गांधी अब लिखित में जवाब देंगे। उन्होंने कहा कि पुलिस ने जो नोटिस दिया है उसे राहुल गांधी ने स्वीकार कर लिया है। पुलिस को अब राहुल गांधी के जवाब का इंतजार है। जरुरत हुई तो आगे भी राहुल गांधी से पूछताछ की जाएगी।
साभार:.P.MITTAL