14 मार्च को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जब जयपुर में सरकारी यूनिवर्सिटी के समारोह से भाग लेकर लौट रहे थे कि तभी यूनिवर्सिटी के मेन गेट के बाहर कुछ छात्रों और युवाओं ने सीएम की कार के सामने काले झंडे लहराए और प्रदर्शन किया। कुछ युवा तो कार के सामने भी आए। यदि कार ड्राइवर सतर्कता नहीं दिखाता तो बड़ा हादसा हो सकता था। युवाओं का यह प्रदर्शन वीरांगनाओं के साथ हो रहे दुर्व्यवहार के विरोध में था। युवाओं का विरोध अपनी जगह है, लेकिन सवाल पुलिस की इंटेलिजेंस पर उठता है। सीएम जहां भी जाते हैं, वहां पहले से ही सुरक्षा इंतजाम होते हैं। खुफिया एजेंसियां भी सूचनाएं जुटाती हैं। क्या किसी भी एजेंसी को सीएम के खिलाफ होने वाले प्रदर्शन की जानकारी नहीं मिली? कई युवा काली टी शर्ट पहन कर यूनिवर्सिटी के मेन गेट के आसपास छिपे रहे और पुलिस तमाशबीन बनी रही। सीएम के कार के सामने कोई 20-25 युवा एक साथ आ गए और पुलिस को युवाओं की योजना की भनक तक नहीं लगी। यदि इन युवाओं में कोई अपराधी प्रवृत्ति का शामिल हो जाता और मुख्यमंत्री पर हमला कर देता तो क्या होता? मुख्यमंत्रियों के खिलाफ प्रदर्शन होते रहते हैं, लेकिन कोई प्रदर्शन पुलिस की जानकारी के बगैर हो जाए तो सुरक्षा के इंतजामों पर सवाल उठते हैं। यह माना कि अशोक गहलोत अनुभवी राजनेता हैं और उन्हें ऐसे विरोध प्रदर्शनों से कोई फर्क नहीं पड़ता है, लेकिन 14 मार्च वाला प्रदर्शन इसलिए गंभीर है कि यह अचानक हुआ जो जोखिम भरा था। सीएम गहलोत इस जोखिम भरे प्रदर्शन को कितना गंभीरता से लेंगे यह तो पता नहीं, लेकिन यह पुलिस का इंटेलिजेंस फैलियर तो है ही। पिछले दिनों जब विधानसभा में सीएम गहलोत से गत वर्ष का बजट भाषण पढ़ाया गया, तब भी प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल उठे थे। तब उम्मीद जताई थी कि दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही होगी। गलत बजट पढ़ने पर मीडिया में भी खबरें छपी और विपक्ष ने भी मुद्दा बनाया। लेकिन सीएम की ओर से किसी भी अधिकारी पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। जिस प्रकार गलत बजट वाली घटना गंभीर थी, उसी प्रकार 14 मार्च वाली घटना भी गंभीर है। लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि अशोक गहलोत की रुचि अब मुख्यमंत्री पद की गरिमा को बनाए रखने में नहीं है। उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि अधिकारी गलत बजट पढ़वाएं या फिर युवा वर्ग उनकी कार के आगे आकर प्रदर्शन करें। इन मुद्दों पर विपक्ष के विरोध का असर सीएम पर नहीं होता है। यही वजह है कि एक के बाद एक गंभीर घटनाएं हो रही हैं।
S.P.MITTAL