मौसम के मिजाज मंगलवार को एक बार फिर बिगड़ गए। पहले तेज हवा चली, फिर बारिश के बाद ओलावृष्टि शुरू हो गई। दर्जनों गांवों से ओलावृष्टि की सूचनाएं आईं।
बारिश और ओलावृष्टि ने खेतों में पककर तैयार खड़ी सरसों की फसल में 80 फीसद तक नुकसान बताया जा रहा है, वहीं गेहूं की फसल चादर की तरह बिछ गई है।
शाम पांच बजते ही बदल गया मौसम
मंगलवार को शाम पांच बजे से मौसम के मिजाज बदलना शुरू हुआ। आसमान में बादल मंडराए और फिर धूलभरी आंधी का दौर शुरू हुआ। जिला मुख्यालय पर तेज हवा के बाद हल्की-हल्की बूंदाबादी शुरू हुई, लेकिन देवगढ़ से लेकर बागचीनी और चिन्नौनी क्षेत्र के कई गांवों में बारिश की झमाझम और फिर ओलावृष्टि शुरू हो गई।देवगढ़ क्षेत्र के डिंडोखर, मोहनपुर, मंजीतपुरा, गुर्जा, छिनबरा, उत्तमपुरा, बागचीनी के तोर तिलावली, कोल्हूडांडा, पंचमपुरा, सुखपुरा, आदि गांवों में अंगूर से लेकर बड़े बेर के आकार के ओले गिरे।वहीं चिन्नौनी क्षेत्र के भी कई गांवों में तेज बारिश व ओलावृष्टि की खबरें हैं।
सरसों की फसल पककर तैयार
इस समय सरसों की फसल पककर तैयार हो चुकी है और किसान सरसों को काटने में जुटे हैं। खेतों में पककर तैयार खड़ी सरसों की फसल की तेज बारिश व ओलों से ऐसी हालत हुई है, कि फलियों से दाने झड़ गए हैं। जिन किसानो ने सरसों की फसल काटकर खेत या खलिहान में रख रखी थी, उस फसल को भी बारिश व ओलों ने भारी नुकसान पहुंचाया है। तेज हवा व झमाझम बारिश के सामने गेहूं की फसल नहीं टिक सकी और गेहूं के खेतों में फसल चादर की तरह बिछ गई है। गेहूं की फसल में भी 50 फीसद से ज्यादा नुकसान बताया जा रहा है। गौरतलब है कि एक सप्ताह के भीतर दूसरी बार ओलावृष्टि हुई है। इससे पहले दिमनी से लेकर अंबाह क्षेत्र में ओलावृष्टि ने फसलों को नुकसान पहुंचाया था, जिसका सर्वे भी अब तक पूरा नहीं हो सका है।