*सरकारी योजनाओं में ऋण का आवेदन निरस्त किया तो बैंक को बताना होगा कारण*
*आवेदन निरस्त होने पर आवेदक को नहीं मिलती जानकारी, अब पोर्टल पर देख सकेंगे आवेदन की स्थिति*
भोपाल। सरकारी योजनाओं के तहत ऋण लेने के लिए किए गए आवेदन अगर बैंक निरस्त करता है तो बैंक को आवेदन निरस्त करने का कारण बताना होगा। इसके लिए आयुक्त संस्थागत वित्त द्वारा समस्त पोर्टल बनाया गया है।मध्य प्रदेश शासन की बैंक वित्त पोषित योजनाओं के लिए यह सिंगल विंडो आनलाइन सिस्टम है। इसमें प्रदेश के सभी बैंक जुड़े हैं।
हाल ही में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी) की बैठक ली थी, इसमें स्पष्ट किया गया है कि अगर योजना के तहत हितग्राही बैंक से ऋण लेने के लिए आवेदन करता है तो उसे हरसंभव मदद करें और ऋण उपलब्ध कराएं। अगर किन्हीं कारण से आवेदन निरस्त किया जाता है तो इसका कारण भी बताया जाए।
*समस्त पोर्टल पर 11 विभागों की 19 योजनाएं है*
इनमें मत्स्योद्योग, मत्स्य महासंघ, नगरीय विकास एवं आवास विभाग, पशुपालन एवं डेयरी, राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम मर्यादित, खाद्य नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण, विमुक्त घुमंतू और अर्द्धघुमंतू कल्याण, सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम विभाग, आदिवासी वित्त एवं विकास निगम और पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम शामिल है। इसके अलावा प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और प्रधानमंत्री जीवन ज्याेति बीमा योजना में बैंकों की भूमिका की निगरानी की जाती है।
*सरकार की इन योजनाओं में बैंक से ले सकते हैं ऋण*
समस्त पोर्टल पर मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना, किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी), डा. भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना, संत रविदास स्वरोजगार योजना, टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना, भगवान बिरसा मुंडा स्वरोजगार योजना, दीनदयाल अंत्योदय योजना, मुख्यमंत्री युवा अन्नदूत योजना, पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक उद्यम योजना, पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री विमुक्त घुमन्तू और अर्द्धघुमन्तू स्वरोजगार योजना, मत्स्य महासंघ के जलाश्य की समिति के सदस्यों को किसान क्रेडिट कार्ड सहित अन्य योजनाएं जुड़ी हुई है।
*समस्त पोर्टल के आंकड़े एक नजर में*
– विभाग 11
– योजनाएं 19
– बैंक 24
– कुल बैंक ब्रांच 5,767
– कुल आवेदन 94,464
– पंजीकृत आवेदन 1,69,802
– कुल आवेदन स्वीकृत 35,804
*इनका कहना है*
शासन की योजनाओं के तहत हितग्राही द्वारा ऋण के लिए बैंक में आवेदन किया जाता है और यदि बैंक ऋण स्वीकृत नहीं करते हैं या आवेदन निरस्त करते हैं तो इसका कारण बताना होगा। इसके लिए एसएलबीसी की बैठक में बैंकों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। इसकी निगरानी के लिए समस्त पोर्टल पर एक कालम बनाया गया, आवेदक इस कालम में आवेदन की स्थिति देख सकते हैं।
*भास्कर लाक्षाकार, आयुक्त संस्थागत वित्त मप्र*
*✍🏻विकास तिवारी*