*NIMHR के डिप्टी रजिस्ट्रार के विरुद्ध एबीवीपी ने मंत्री को सौंपा ज्ञापन

 

*मोहम्मद अशफाक द्वारा महाभारत की गलत व्याख्या का मामला*

भोपाल, (12 मार्च)। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास संस्थान (NIMHR) सीहोर के विवादित डिप्टी रजिस्ट्रार मोहम्मद अशफाक को बर्खास्त करने की मांग लेकर रविवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री को एक ज्ञापन सौंपा।
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के अधीन सीहोर में निर्माणाधीन राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास संस्थान के प्रोबेशनरी डिप्टी रजिस्ट्रार मो. अशफाक के विरुद्ध गंभीर शिकायतों को लेकर एबीवीपी ने प्रांत मंत्री आयुष पराशर के नेतृत्व में भोपाल पधारे केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार को एक ज्ञापन दिया।

ज्ञापन में अभाविप ने कहा कि मीडिया में प्रकाशित खबरों पर संज्ञान लिया जाए और डिप्टी रजिस्ट्रार के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए। अभाविप ने मांगपत्र में लिखा है कि राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास संस्थान, सीहोर के छात्रों ने संस्थान के डिप्टी रजिस्ट्रार मोहम्मद अशफाक की करतूतों के बारे में गंभीर शिकायतें की हैं। मोहम्मद अशफाक पर संस्थान को मनमाने तरीके से संचालित करने, अनैतिक कक्षाएं लेने, महाभारत के हिंदू चरित्रों को विकलांग बताने, गलत व्याख्या करने और छात्रों का कैरियर बर्बाद करने के आरोप हैं। उन्होंने कहा कि मनमाने आदेश निकालकर डिप्टी रजिस्ट्रार अशफाक ने एकेडमिक विभाग पर कब्जा कर लिया है, जिससे शैक्षणिक गुणवत्ता नष्ट हो रही है।
प्रांत मंत्री आयुष पराशर ने बताया कि मो. अशफाक शिक्षक नहीं हैं और न ही शैक्षणिक कार्य के लिए नियुक्त हैं, फिर भी वह क्लास लेते हैं। छात्रों को जलील करते हैं। उनके द्वारा अवैध रूप से पढ़ाना जाता है और हमेशा हिन्दू धर्मग्रंथों से ही उदाहरण दिये जाते हैं। उदाहरण के लिए मो. अशफाक कक्षा में पढ़ाते हुए कहता है कि महाभारत में धृतराष्ट्र नेत्रहीन हैं और उनकी रानी गांधारी ने भी विकलांगता को ओढ़ लिया है। द्रौपदी का मानसिक स्तर ठीक नहीं होगा वर्ना भरे दरबार में वस्त्र खींचने पर वह विरोध करती। द्रौपदी चीरहरण के दृश्य में एक मनोरोगी की तरह दिखाई देती है।

एबीवीपी के प्रांत मंत्री आयुश पराशर का कहना है कि डिप्टी रजिस्ट्रार अशफाक का उक्त कृत्य संस्थान की मूल भावना के विपरीत है और सामाजिक सद्भाव के लिए भी खतरनाक है। एबीवीपी द्वारा दिये गये ज्ञापन के अनुसार डिप्टी रजिस्ट्रार का पद प्रशासनिक है लेकिन मो. अशफाक द्वारा जानबूझकर अकादमिक कार्य अपने हाथ में लेकर धार्मिक तथ्यों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। यहां डिप्टी रजिस्ट्रार को पढ़ाने का अधिकार नहीं है फिर भी उनके द्वारा क्लास लेना उनके इरादों को स्पष्ट करता है। वे धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ करके समाज में वैमनस्य फैलाना चाहते हैं। संस्थान में दिन की नमाज पढ़ना नियम विरुद्ध है और दंडनीय भी है।
अभाविप मो. अशफाक के विरुद्ध आर्थिक गबन की शिकायतों पर भी कठोर कार्रवाई की मांग की है। अभाविप ने यह भी मांग की है कि मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े इस राष्ट्रीय महत्व के संस्थान में मो. अशफाक जैसे दूषित मानसिकता वाले, भ्रष्ट, अनैतिक, कदाचारी व्यक्ति का रहना सर्वथा उचित नहीं है। अतः मो. अशफाक के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करते हुए तत्काल प्रभाव से पदमुक्त किया जाए। अन्यथा अभाविप उग्र आंदोलन करने हेतु बाध्य रहेगी, जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी शासन प्रशासन की रहेगी।

 

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