यदि आपकी बाइक या कार 15 साल से ज्यादा पुरानी हो गई है तो आपको इसे बदलने की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। मध्यप्रदेश सरकार ने 1 मार्च को विधानसभा में बजट पेश करते हुए घोषणा कर दी है कि अगले महीने 1 अप्रैल 2023 से पुराने और कंडम वाहन सड़क से बाहर होने शुरू हो जाएंगे। पहले 15 साल की उम्र पूरी कर चुके सरकारी वाहनों को कबाड़ में भेजा जाएगा। 1 हजार वाहनों की लिस्ट भी तैयार हो गई है। प्राइवेट वाहन चाहें वो बाइक हो या कार 15 साल की उम्र पूरी करने पर नए रजिस्ट्रेशन के लिए फिटनेस टेस्ट होगा। फिटनेस में फेल होने पर उसका रजिस्ट्रेशन नहीं होगा। उस गाड़ी को सड़क पर चलाना गैरकानूनी होगा। ऐसे में स्क्रैप ही आखिरी विकल्प होगा।
मध्यप्रदेश में 15 साल की उम्र पूरी कर चुकी गाड़ियों की संख्या 24 लाख है। इसमें 16 लाख से ज्यादा दो पहिया वाहन हैं, बाकी गाड़ियों में कार, ट्रैक्टर, बस और ट्रक शामिल हैं। अगले महीने से इन गाड़ियों के लिए उल्टी गिनती शुरू हो जाएगी।
पुरानी गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन का शुल्क भी सरकार ने अप्रत्याशित रूप से 10 गुना तक बढ़ा दिया है। पुरानी गाड़ी का 15 साल बाद दोबारा रजिस्ट्रेशन भी सिर्फ 5 साल के लिए ही हो सकेगा। इसके बाद फिर वही प्रक्रिया अपनानी होगी। यानी फिटनेस टेस्ट के बाद फिर नए सिरे से रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई बताते हैं कि 15 साल से पुराने सरकारी वाहनों का तो अप्रैल से रजिस्ट्रेशन ही रद्द हो जाएगा। रही बात निजी गाड़ियों की तो नया रजिस्ट्रेशन कराने के लिए पहले फिटनेस टेस्ट कराना होगा। फिटनेस ओके होने पर ही 5 साल के लिए नया रजिस्ट्रेशन होगा।
कंपनियों को क्या फायदा होगा?
इस समय मोटर वाहन कंपनियों को स्टील एवं कुछ अन्य महंगा मेटल विदेशों से मंगवाना पड़ता है। पिछले साल करीब 23 हजार करोड़ रुपए का स्क्रैप स्टील भारत को आयात करना पड़ा था। इससे प्रोडक्टिव स्क्रैप मिलेगा और मोटर गाड़ी बनाने वाली कंपनियों को कच्चा माल सस्ता मिलेगा।
सरकार को क्या होगा फायदा
जब लोग पुरानी गाड़ियां स्क्रैप करेंगे और नई गाड़ियां खरीदेंगे तो इससे सरकार को सालाना करीब 40,000 करोड़ रुपए का जीएसटी आएगा। इससे सरकार के रेवेन्यू में भी बढ़ोतरी होगी। स्क्रैप पॉलिसी के दायरे में 20 साल से ज्यादा पुराने लगभग 51 लाख हल्के मोटर वाहन (एलएमवी) और 15 साल से अधिक पुराने 34 लाख अन्य एलएमवी आएंगे। इसके तहत 15 लाख मीडियम और हैवी मोटर वाहन भी आएंगे जो 15 साल से ज्यादा पुराने हैं और इस समय इनके पास फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं है।
मध्यप्रदेश के अफसरों का कहना है कि यहां भी करीब 1 लाख गाड़ियां स्क्रैप में भेजे जाने लायक हैं, यानी ये गाड़ियां 20 साल से ज्यादा पुरानी हैं।
क्या इलेक्ट्रिक व्हीकल को फायदा होगा?
ई-व्हीकल के लिए तेजी से चार्जिंग स्टेशन का नेटवर्क तैयार हो रहा है। ई-व्हीकल की कीमतें और क्वालिटी दोनों ठीक हो रही है। ऐसे में व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी से जो वाहन सड़कों से हटेंगे उनमें से एक बड़े हिस्से के इलेक्ट्रिक व्हीकल अपनाने की उम्मीद है। स्क्रैप पॉलिसी की वजह से पुराने वाहन के सड़क से हटने की वजह से प्रदूषण कम होगा। ग्राहक का फ्यूल कॉस्ट घट जाएगा। इस वजह से भारत का क्रूड इंपोर्ट भी कम होगा।