दुकानदार को सभी ब्रांड की रखनी होगी शराब, सरकार निर्धारित कर सकेगी सूची

 

भोपाल। प्रदेश में ऐसी शराब दुकानों को चिन्हित किया जाएगा, जिन्हें बंद किए जाने की मांग विभिन्न कारणों से हो रही है। कलेक्टर के प्रस्ताव पर शासन द्वारा अंतिम निर्णय लिया जाएगा। दुकान पर सभी ब्रांड की शराब मिले, इसके लिए सरकार द्वारा सूची निर्धारित की जाएगी और इन्हें रखना अनिवार्य होगा। बार में निर्धारित दर से कम की बीयर और विदेशी शराब का विक्रय भी नहीं किया जा सकेगा। सरकार ने वर्ष 2023-24 की आबकारी नीति में यह प्रविधान किया है। सभी अहाते बंद होंगे। धार्मिक संस्थाओं, स्कूल, कालेज व बालिका छात्रावास से सौ मीटर के दायरे में शराब दुकानें अब नहीं रहेंगी।

कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद वाणिज्यिक कर विभाग ने बुधवार को नई आबकारी नीति जारी की। इसमें यह प्रविधान किया गया है कि बार में ऐसी बीयर जिसकी प्रति पेटी दर 575 रुपये और विदेशी शराब की गोदाम प्रदाय दर एक हजार 200 रुपये प्रति पेटी से कम है, उसका विक्रय नहीं हो सकेगा। इसी तरह शराब निर्माताओं द्वारा संचालित की जाने वाली दुकानों पर अपने ही ब्रांड रखने की शिकायतों को देखते हुए यह व्यवस्था भी बनाई गई है कि आबकारी आयुक्त द्वारा ऐसी विदेशी शराब एवं बीयर के ब्रांड की सूची निर्धारित की जाएगी, जिसे विक्रय के लिए रखना अनिवार्य होगा यानी दुकानदार की मनमर्जी नहीं चलेगी। देश के बाहर से आयातित सीलबंद शराब की बिक्री की अनुमति भी रहेगी।

*दस प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क के साथ होगा नवीनीकरण*
शराब दुकानों का नवीनीकरण दस प्रतिशत शुल्क बढ़ाकर होगा। इसके लिए आवेदन शुल्क तीस हजार रुपये प्रति दुकान रखा गया है। यदि वर्तमान संचालक दुकान चलाने का इच्छुक नहीं हो तो फिर लाटरी या ई-टेंडर के माध्यम से दुकान की नीलामी की जाएगी। इसके लिए आवेदन शुल्क प्रति समूह तीस हजार रुपये होगा। दुकान आवंटन के बाद शुल्क चुकाने के लिए जो समय अवधि निर्धारित है, उसमें यदि राशि जमा नहीं की जाती है तो एक प्रतिशत पेनाल्टी देनी होगी। सरकार की मद्य निषेध नीति के अंतर्गत कोई दुकान या दुकानें बंद की जाती है ताे लायसेंसी को क्षतिपूर्ति की पात्रता नहीं होगी।

*हेरिटेज मदिरा की बार और चिन्हित दुकानों से ही होगी बिक्री*

सरकार ने हेरिटेज को सात वर्ष तक आबकारी ड्यूटी और निर्यात शुल्क से मुक्त रखने का निर्णय लिया है। एक वर्ष तक वेट भी नहीं लिया जाएगा। इस अवधि को एक वर्ष के लिए और बढ़ाया जा सकेगा। हेरिटेज मदिरा की बिक्री बार और चिन्हित दुकानों से ही होगी। इसी तरह राज्य में किसानों द्वारा उत्पादित अंगूर का उपयोग कर बनाई गई वाइन पर ड्यूटी दर शून्य रहेगी। वाइन के फुटकर विक्रय के लिए प्रत्येक जिला मुख्यालय व पर्यटन क्षेत्र पर भी निर्माता को फ्रेंचाइजी या अधिकृत व्यक्ति को एक या अधिक आउटलेट स्वीकृत किए जाने की अनुमति दी जा सकेगी। जिले की दुकानों और बार को उसी जिले की आउटलेट से वाइन दी जा सकेगी। इसका वार्षिक लायसेंस शुल्क दस हजार रुपये रहेगा। वाइन महोत्सव के लिए वर्ष में प्रत्येक नगर निगम में अधिकतम दो दिवस के लिए लायसेंस दिया जा सकेगा, जिसका शुल्क प्रति दिवस एक हजार रुपये होगा। प्रदेश में उत्पादित और बनी वाइन को आबकारी शुल्क से वर्ष 25-26 तक के लिए मुक्त रखा जाएगा। प्रदेश में उत्पादित अंगूर एवं जामुन के अतिरिक्त अन्य फलों तथा प्रदेश में उत्पादित एवं संग्रहित शहद से वाइन बनाने की अनुमति रहेगी।

*शुष्क दिवस के अतिरिक्त चार दिन बंद करवाई जा सकती हैं दुकानें*
प्रदेश में 15 अगस्त, दो, अक्टूबर, और 26 जनवरी को शुष्क दिवस रहेंगे। इन दिनोें में शराब दुकानें बंद रहेंगी। इसके अलावा कलेक्टर किसी भी स्थान की एक या अधिक दुकानें बंद करने के आदेश दे सकेंगे।

*विमानतल पर विदेशी शराब के काउंटर खोलने को दिए जाएंगे लाइसेंस*
नई आबकारी नीति में सरकार ने विमानतल पर विदेशी शराब के काउंटर खोलने का प्रविधान रखा है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर विमानतल पर काउंटर के लिए लाइसेंस दिए जा सकेंगे।

*सुबह साढ़े नौ से रात साढ़े 11 बजे तक खुलेंगी शराब दुकानें*
शराब की दुकानें सुबह साढ़े आठ बजे से खुलेंगी लेकिन बिक्री सुबह साढ़े नौ से रात साढ़े 11 बजे तक होगी। सुबह साढ़े आठ से साढ़े नौ बजे तक बजे लेखा संधारण का काम होगा। रेस्टोरेंट, होटल तथा क्लब बार लाइसेंस के अंतर्गत परिसर में विदेशी शराब की बिक्री का समय सुबह दस से रात साढ़े 11 बजे तक रहेगा। जबकि, उपभोग का समय रात बारह बजे तक रहेगा। न्यूनतम फुटकर विक्रय मूल्य से कम और अधिकतम विक्रय मूल्य से अधिक पर शराब विक्रय करने के मामले में पहली बार में एक दिन, दूसरी बार में दो दिन और पांच बार से अधिक उल्लंघन करने पर लाइसेंस निरस्त किया जाएगा।

Shares