पंचायत भवन में घटिया निर्माण देख स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री इंदर सिंह परमार ने दो इंजीनियरों को सस्पेंड करने के निर्देश दिए थे।
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले सरकार प्रदेशभर में विकास यात्रा निकाल रही है। इस दौरान कई जगहों पर कुछ अलग ही नजारे दिखाई दे रहे हैं। ऐसा ही कुछ शाजापुर में देखने को मिला। मंत्री इंदर सिंह परमार जब शाजापुर जिले में पहुंचे तो यहां उनसे एक ऐसे भवन का लोकार्पण करा लिया गया, जिसकी छत क्षतिग्रस्त थी और टाइल्स उखड़ी हुई थीं। ये देख मंत्रीजी भी उखड़ गए और उन्होंने तत्काल निर्माण काम के लिए जिम्मेदार इंजीनियर को सस्पेंड करने के निर्देश दे दिए। उधर पूर्व सरपंच का कहना है कि उस भवन का लोकार्पण तो 6 साल पहले हो गया था।
मामला शाजापुर जिले के चापड़िया गांव का है। दरअसल, स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री इंदर सिंह परमार मंगलवार को यहां पहुंचे। उन्हें यहां एक पंचायत भवन का लोकार्पण करना था। वे अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार वहां पहुंचे और तयशुदा कार्यक्रम के अनुसार उद्धाटन भी किया गया। हालांकि फीता उन्होंने खुद ना काटते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष हेमराज सिंह सिसोदिया से कटवाया। लोकार्पण के दौरान हंसी-खुशी माहौल था। लेकिन जैसे ही मंत्री अंदर गए घटिया निर्माण देखकर नाराज हो गए और माहौल तनावपूर्ण हो गया।
मंत्री परमार ने देखा कि नवनिर्मित भवन की टाइल्स उखड़ी हुई हैं। छत भी क्षतिग्रस्त है। बस फिर क्या था मंत्री ने पहले मौके पर मौजूद अधिकारियों की जमकर क्लास लगाई। फिर जिला कलेक्टर दिनेश जैन को फोन लगाकर 2 इंजीनियरों को तत्काल सस्पेंड करने के निर्देश दिए। इस घटना का वीडियो बुधवार को सामने आया।
चापड़िया गांव में गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य को देखकर शिक्षा राज्यमंत्री इंदर सिंह परमार भड़क गए। उन्होंने जिला कलेक्टर दिनेश जैन को एक जांच कमेटी गठित करने के निर्देश दिए।
चापड़िया गांव में गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य को देखकर शिक्षा राज्यमंत्री इंदर सिंह परमार भड़क गए। उन्होंने जिला कलेक्टर दिनेश जैन को एक जांच कमेटी गठित करने के निर्देश दिए।
जांच कमेटी गठित करने के भी दिए निर्देश
मंत्री इंदर सिंह परमार ने घटिया निर्माण कार्य को लेकर कलेक्टर दिनेश जैन को फोन लगाया और अपनी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि चापड़िया गांव में पंचायत भवन बना है जिसका लोकार्पण मुझसे कराया गया। टाइल्स टूटी हुई है, टाइल्स धंसी हुई है। छत भी गिर गई। शासन ने विकास करने के लिए पैसा दिया है, और कहीं ना कहीं इसमें जिम्मेदारों की मिलीभगत से भ्रष्टाचार किया गया है। इसकी जांच होना चाहिए। जिस इंजीनियर ने निर्माण कार्य में अनियमितता दिखाई और जिसने मुझसे लोकार्पण कराया। दोनों को सस्पेंड किया जाए। इसके बाद भी मंत्री नहीं रुके। उन्होंने कलेक्टर दिनेश जैन को एक जांच कमेटी गठित करने के भी निर्देश दिए और कहा कि इस मामले में कैसे घटिया काम हुआ इसकी पूरी डिटेल मुझे चाहिए।
मंत्री इंदर सिंह परमार ने मंगलवार को शाजापुर की ग्राम पंचायत चापड़िया के पंचायत भवन का लोकार्पण किया। हालांकि औपचारिक तौर पर उन्होंने जिला पंचायत अध्यक्ष हेमराज सिंह सिसोदिया से फीता कटवाया।
मंत्री इंदर सिंह परमार ने मंगलवार को शाजापुर की ग्राम पंचायत चापड़िया के पंचायत भवन का लोकार्पण किया। हालांकि औपचारिक तौर पर उन्होंने जिला पंचायत अध्यक्ष हेमराज सिंह सिसोदिया से फीता कटवाया।
पूर्व सरपंच बोला- लोकार्पण तो 6 साल पहले हो चुका था
पूर्व सरपंच राकेश मेवाड़ा ने कहा कि ग्राम चापड़िया में 12.85 लाख रुपए लागत से ग्राम पंचायत भवन का निर्माण हुआ है। भवन 2017 में कंप्लीट हो चुका था। 2017 में इसी भवन का ग्राम पंचायत के तत्कालीन सरपंच ने लोकार्पण कर दिया था। जिसमें कोई जनप्रतिनिधि नहीं बुलाया गया, लेकिन अब वर्तमान सरपंच ने विकास यात्रा में मंत्री से पंचायत भवन का पुन: लोकार्पण करवाया है।
दो शिक्षकों पर भी गिरी गाज
ग्राम पंचायत सरपंच और ग्रामीणों ने स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री इंदर सिंह परमार से दो शिक्षकों की शिकायत भी की। उन्होंने बताया कि कोहलिया के शासकीय माध्यमिक शाला में पदस्थ शिक्षक नीरज गुप्ता प्रतिदिन शराब पीकर विद्यालय में आते हैं। वहीं शासकीय प्राथमिक विद्यालय में पदस्थ शिक्षिका मीनाक्षी गौतम भी विद्यालय में समय पर नहीं आती हैं। इस पर मंत्री ने नाराजगी जताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश की सरकार स्कूलों को अच्छा करना चाहते हैं। समय पर पढ़ाने वाले लोग आएं, और सही आचरण के साथ आएं। इसके बाद मंत्री ने दोनों शिक्षकों को निलंबित करने के निर्देश दिए हैं।
मामले में जिला शिक्षा अधिकारी विवेक दुबे ने बताया कि शिक्षा विभाग ने दोनों शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। दोनों का मुख्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय शुजालपुर निर्धारित किया है।