उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार के नोटबंदी पर लिए फैसले को जायज ठहराया जिसका सभी सम्मान करते हैं, हालांकि एक न्यायाधीश ने कागजातों की खामियों को इंगित करते हुए यह साफ कर दिया कि सब कुछ सही नहीं था.
चुंकि फैसला बहुमत से ४-१ से इसलिए नकार दिया गया कि आरबीआई और केंद्र सरकार के बीच ६ महीने सलाह मशविरा हुआ था.
यह भी तथ्य है कि इस फैसले के पक्ष विपक्ष में होने से किसी को कोई राहत नहीं मिल सकती थी लेकिन केन्द्र सरकार की मंशा पर प्रश्न चिन्ह जरुर उठ जाता.
खैर माननीय उच्च न्यायालय की मोहर के बाद केंद्र सरकार काफी खुश होगी लेकिन माननीय न्यायाधीश बी वी नागारत्ना जो नोटबंदी के विरोध में थी, उन्होंने कुछ ऐसे बिंदुओं को इंगित किया जो हम देशवासियों को सोचने पर मजबूर जरुर करेंगे कि क्या नोटबंदी सही थी:
१. सबसे मुख्य बिन्दु जितने भी कागजात आरबीआई और केंद्र सरकार द्वारा सबमिट किए गए, उन सब में एक वाक्य का प्रयोग हर बात के साथ किया गया – ” केन्द्र सरकार की इच्छानुसार” जो कि साफ दर्शाता है कि आरबीआई ने अपना दिमाग नहीं लगाया और स्वतंत्रता नहीं दिखाई.
२. पांच जजों की संविधान पीठ में शामिल जस्टिस बीवी नागरत्ना ने आरबीआई एक्ट की धारा 26(2) के तहत केंद्र सरकार को मिले अधिकारों के मामले में मेजॉरिटी जजमेंट से अलग राय जाहिर की है.
३. अपने अल्पमत फैसले में जस्टिस नागरत्ना ने कहा कि 500 और 1000 रुपये के सभी प्रचलित नोटों को रद्द करने का फैसला नोटिफिकेशन के जरिए किया जाना सही नहीं था. इसके लिए संसद में कानून पारित किया जाना चाहिए था.
४. उन्होंने अपने फैसले में लिखा है, “नोटबंदी पर संसद में चर्चा करके कानून पारित किया जाना चाहिए था. एक गजट नोटिफिकेशन निकालकर ऐसा करना सही नहीं था.
५. देश से जुड़े इतने अहम फैसले के मामले में संसद को अलग-थलग नहीं रखा जा सकता.”
६. जस्टिस नागरत्ना ने यह भी कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इस मामले में स्वतंत्र ढंग से अपनी समझदारी का इस्तेमाल नहीं किया.
७. इस मामले में आरबीआई की सिर्फ राय मांगी गई थी, जिसे सिफारिश नहीं कहा जा सकता है.
*उपरोक्त अल्पमत फैसला यह बात तो साफ करता है कि केन्द्र सरकार ने अपनी मनमानी के अलावा कुछ नहीं किया जिसमें जनता को नोटबंदी से होने वाली परेशानियों का आंकलन सही ढंग से नहीं किया गया. केन्द्र सरकार का फैसला देशहित में था, यही मानकर इसे मुद्दे पर विराम लगाना ही बेहतर होगा.*
लेखक: सीए अनिल अग्रवाल जबलपुर