MP के कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना लागू नहीं होगी

 

_भोपाल /मध्यप्रदेश राज्य सरकार के पास अपने कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना बहाल करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। विधानसभा में तीन अलग-अलग प्रश्नों के उत्तर में वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने स्पष्ट किया है कि ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। कांग्रेस विधायक रवींद्र सिंह तोमर, सुरेश राजे और भाजपा विधायक दिनेश राय मुनमुन द्वारा पूछे गए सवालों पर यह जवाब सामने आया है।_

_मंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश शासन द्वारा एक जनवरी, 2005 अथवा इसके बाद नियुक्त होने वाले सभी शासकीय सेवकों के लिए नई पेंशन योजना मध्यप्रदेश शासन वित्त विभाग के 13 अप्रैल, 2005 के आदेश अनुसार लागू की गई है। जवाब में कहा गया कि राज्य के 4,83,332 कर्मचारी और अधिकारी नई पेंशन योजना के तहत पंजीकृत हैं। पिछले सप्ताह कांग्रेस की मध्यप्रदेश इकाई के प्रमुख कमलनाथ ने कहा था कि अगले साल प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी को जीत मिलने पर वह पुरानी पेंशन योजना वापस लाएगी।_

_कमलनाथ ने ट्वीट किया था कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सरकार द्वारा बंद की गई सरकारी कर्मचारियों की पेंशन को मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही फिर से बहाल किया जाएगा। नेशनल मूवमेंट ऑफ ओल्ड पेंशन स्कीम’ की मध्यप्रदेश इकाई के बैनर तले प्रभावित कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग को लेकर आंदोलन चला रहे हैं और कह रहे हैं कि नई पेंशन योजना उनके लिए सेवानिवृत्त के बाद का जीवन जीने के लिए अपर्याप्त है।_

_पुरानी पेंशन को लेकर कोई प्रस्ताव कैबिनेट में नहीं रखा गया। वहीं, पेंशनर की महंगाई राहत को लेकर मुरली मोरवाल द्वारा पूछे प्रश्न के उत्तर में बताया गया कि महंगाई राहत और महंगाई भत्ते में कोई तुलना नहीं की जा सकती है। आशा कार्यकताओं के वेतनवृद्धि के संबंध में अजय कुमार टंडर के प्रश्न पर बताया गया कि 2018 से आशा कार्यकर्ता आंदोलन कर वेतनवृद्धि की मांग कर रहे हैं लेकिन इन मांगों पर कोई विचार नहीं है। कोई प्रस्ताव भी शासन स्तर पर विचाराधीन नहीं है।_

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