💥दीपावली पर धन प्राप्ति हेतु अचूक मंत्र –
आदिकाल से लक्ष्मी उपासना समाज के सभी वर्गों के द्वारा होती आई है। अर्थ, धर्म, काम, मोक्ष चारों पदार्थ मनुष्य के ध्येय रहे हैं। इनमें अर्थ को प्रथम इसलिए रखा गया है कि इसके बगैर बाकी तीनों पदार्थ प्राप्त करना संभव नहीं है।
👉पहला मन्त्र –
कमल गट्टे की माला से गुलाबी आसन तथा महालक्ष्मी यंत्र के सामने उत्तराभिमुख हों। यंत्र की अनुपलब्धता में कमलासन पर विराजमान हस्तियों से अभिषेक करा रही लक्ष्मीजी के सुंदर चित्र के सामने निम्न मंत्र का चार लाख बार जाप करें।
मंत्र : ”श्रीं क्लीं श्रीं”
जप के बाद : हवन में तिल, जौ, श्रीफल, बिल्बफल, कमल, कमलगट्टे, लाजा, गुगल, भोजपत्र, शक्कर, इत्यादि से दशांस होम कर लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं।
👉दूसरा मन्त्र –
किसी भी गुलाबी आसन पर उत्तराभिमुख हों बैठ जाएं। सामने लक्ष्मी माता का सुंदर चित्र हो। तब कमल गट्टे की माला से निम्न मंत्र का चार लाख बार जाप करें।
मंत्र : ”ऐं ह्रीं श्री क्लीं
जप के बाद : हवन में तिल, जौ, श्रीफल, बिल्बफल, कमल, कमलगट्टे, लाजा, गुगल, भोजपत्र, शक्कर, इत्यादि से दशांस होम कर लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं।
👉तीसरा मन्त्र –
किसी भी गुलाबी आसन पर उत्तराभिमुख हों बैठ जाएं। कमलासन पर विराजमान लक्ष्मी माता का सुंदर चित्र हो। तब कमल गट्टे की माला से निम्न मंत्र का सवा लाख बार जाप करें।
मंत्र : ”ऊं कमलवासिन्यै स्वाहा”
जप के बाद : हवन में तिल, जौ, श्रीफल, बिल्बफल, कमल, कमलगट्टे, लाजा, गुगल, भोजपत्र, शक्कर, इत्यादि से दशांस होम कर लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं।
👉चौथा मन्त्र –
किसी भी गुलाबी आसन पर उत्तराभिमुख हों बैठ जाएं। कमलासन पर विराजमान लक्ष्मी माता का सुंदर चित्र हो या श्रीयंत्र हो। तब कमल गट्टे की माला से निम्न मंत्र का सवा लाख बार जाप करें।
मंत्र : ”ऊं श्ररीं ह्रीं श्री कमलालये प्रसीद प्रसीद श्री ह्रीं श्री महालक्ष्म्यै नम:।।” यह मंत्र सबसे प्रसिद्ध है।
जप के बाद : हवन में तिल, जौ, श्रीफल, बिल्बफल, कमल, कमलगट्टे, लाजा, गुगल, भोजपत्र, शक्कर, इत्यादि से दशांस होम कर लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं।