राहुल गांधी से ज्यादा केजरीवाल को मीडिया में कवरेज मिल रहा है-अशोक गहलोत

राजस्थान की योजनाएं गुजरात में लागू होंगी।

55 हजार विद्युत कर्मियों को पुरानी पेंशन लाभ देने को लेकर जयपुर में प्रदर्शन।
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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 17 अक्टूबर को कहा कि गांधी परिवार से उनके रिश्ते खराब नहीं हुए हैं। मीडिया में आ रही खबरों के संबंध में गहलोत ने कहा कि पिछले 50 वर्षों से रिश्ते हैं वैसे ही आज भी गांधी परिवार से बने हुए हैं। मीडिया में मेरे और गांधी परिवार के रिश्तों को लेकर जो चिंता प्रकट की जाती है, वह बेमानी है। 19 अक्टूबर को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के बाद भी मेरे रिश्ते गांधी परिवार के साथ मजबूत बने रहेंगे। गहलोत ने गुजरात चुनाव की चर्चा करते हुए इस बात पर अफसोस जताया कि मीडिया में राहुल गांधी की भारत जोड़ों यात्रा के मुकाबले में आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल की खबरें ज्यादा प्रसारित हो रही हैं। जबकि केजरीवाल को गुजरात में असत्य बोल रहे हैं उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के मुकाबले में केजरीवाल की खबरें ज्यादा दिखाने से मीडिया की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठ रहे हैं। गहलोत ने कहा कि कांग्रेस एक राष्ट्रीय पार्टी है, जबकि केजरीवाल की पार्टी अभी बहुत छोटी है। उन्होंने कहा कि वे गुजरात के सीनियर ऑर्ब्जवर है, इस नाते 18 अक्टूबर को गुजरात का दौरा कर रहे हैं। सीएम गहलोत ने कहा कि गुजरात में कांग्रेस की सरकार बनने पर राजस्थान की सभी कल्याणकारी योजनाओं लागू किया जाएगा। इनमें चिरंजीवी स्वास्थ्य योजना, निशुल्क दवा योजना, पुरानी पेंशन योजना, शहरी क्षेत्रों में रोजगार गारंटी, इंदिरा रसोई आदि शामिल हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ऐसा कोई वादा नहीं करती जो पूरा नहीं हो सके। आम आदमी पार्टी के नेता केजरीवाल गुजरात की जनता को गुमराह कर रहे हैं।

पुरानी पेंशन की मांग:
राजस्थान की पांचों बिजली कंपनियों से जुड़े हजारों कर्मचारियों ने 17 अक्टूबर को जयपुर में जोरदार धरना प्रदर्शन किया। राजस्थान विद्युत श्रमिक महासंघ के बैनर तले हुए प्रदर्शन में सरकार के मांग की गई कि जिस प्रकार राज्य कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया गया है। उसी प्रकार विद्युत कर्मियों को भी पुरानी पेंशन योजना में शामिल किया जाए। महासंघ ने विद्युत विभाग में निजी का भी विरोध किया। महासंघ के प्रतिनिधि विनीत कुमार जैन ने बताया कि प्रदेश की पांचों बिजली कंपनियों में 55 हजार कर्मचारी काम करते हैं। उन्होंने कहा कि विद्युत कर्मचारी भी राज्य सरकार के अधीन ही काम करते हैं। ऐसे में उन्हें भी पुरानी पेंशन का लाभ मिलना चाहिए।

 

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