अर्थव्यवस्था और व्यापार सम्हल ही रहे थे कि फिर आ गई कोरोना की तीसरी लहर.
कितनी भी समझाइश दो, शिक्षा दो, ज्ञान बांटों लेकिन देश विदेश कहीं भी फर्क नहीं पड़ता. हम सब अच्छे से समझ गए हैं कि सिर्फ और सिर्फ लाकडाउन ही इसकी चेन तोड़ सकता है.
इसलिए सरकार, प्रशासन, व्यापारी और जनता देर से निर्णय लें, उससे बेहतर ये है कि तुरंत 15 दिन का लाकडाउन लगाकर चेन तोड़ ली जावे नहीं तो किस हद पर रुकेंगे यह कहना मुश्किल होगा.
लाकडाउन कोई भी नहीं चाहता और यह इसका सोल्यूशन भी नहीं है लेकिन यही विकल्प सिर्फ राहत दे सकता है और आत्म अंकुश एवं अनुशासन.
सबसे बड़ी बात हम कैसे भूल सकते हैं कि ये वायरस अभी गया नहीं है और जब फैलता है तो मानों ऐसा कि हवा में समा गया हो और घर से बाहर न निकलना ही आखिरी उपाय बचता है.
स्थिति विकट और गंभीर है. क्या रणनीति हो कोई समझ नहीं पाता, इसलिए लाकडाउन बिना देरी किए लगाकर ही हम अगले 6 महीने का चैन पा सकते हैं. अब सोचना हम सभी को है कि हम क्या मांग सरकार, प्रशासन के समक्ष रखें ताकि इस विकट स्थिति को फिर से टाला जा सकें और भविष्य के लिए इसे कमजोर किया जावें.
सीए अनिल अग्रवाल जबलपुर