इसके लिए सबसे पहले वो हिन्दू दोषी है जिसने फर्जी ID उपलब्ध कराई। मंदिर की सुरक्षा और करोड़ों लोगों की आस्था पर सीधे सीधे हमला है यह। इस युवक को समाज से बहिष्कृत कर देना चाहिए। भविष्य में मंदिर को नुकसान पहुंचाने की साजिश को लेकर भी जांच होना चाहिए।
मुस्लिम युवक हिंदू नाम की आइडी लगाकर महाकाल की भस्म आरती में घुसा
मंदिर प्रबंध समिति की शिकायत पर दोनों के खिलाफ फर्जी आइडी लगाने के मामले में धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है।
महाकाल मंदिर में बुधवार सुबह भस्म आरती के दौरान मंदिर कर्मचारियों ने एक मुस्लिम युवक को हिंदू युवती के साथ में पकड़ा है। मुस्लिम युवक यूनुस मोहम्मद को मंदिर के कर्मचारी रितेश ने अभिषेक नाम की आइडी लगाकर भस्म आरती की अनुमति दिलवाई थी। मंदिर प्रबंध समिति की शिकायत पर युवक-युवती के खिलाफ महाकाल पुलिस ने धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया है। सीएसपी पल्लवी शुक्ला ने बताया कि बुधवार सुबह मंदिर कर्मचारियों ने सूचना दी थी कि मंदिर में एक मुस्लिम युवक मोहम्मद यूनुस, युवती खुशबू यादव निवासी मुंबई के साथ भस्म आरती करने आया है। यूनुस मोहम्मद के पास अभिषेक दुबे नाम की आइडी से भस्म आरती की अनुमति थी। इसके बाद पुलिस मंदिर पहुंची और युवक तथा युवती को लेकर थाने आई। सीएसपी शुक्ला का कहना है कि मंदिर प्रबंध समिति की शिकायत पर दोनों के खिलाफ फर्जी आइडी लगाने के मामले में धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है।
कर्मचारी ने लाकर दी थी अभिषेक नाम की आइडी
खुशबू ने पुलिस को बताया कि वह मुंबई के जोगेश्वरी वेस्ट में रहती है और फैशन डिजाइनर है। यूनुस हावेरी कर्नाटक निवासी है और 10 वर्ष से उसके यहां काम कर रहा है। खुशबू व युनूस मंगलवार को फ्लाइट से इंदौर आए थे। वहां से वे उज्जैन महाकाल मंदिर भस्म आरती करने पहुंचे थे। यहां मंदिर के कर्मचारी रितेश ने दोनों की भस्म आरती अनुमति करवाई थी। उसने ही अभिषेक दुबे नाम की आइडी भी उपलब्ध करवाई थी।
छह नंबर गेट से किया प्रवेश
यूनुस और खुशबू ने भस्मारती दर्शन के लिए छह नंबर गेट से प्रवेश किया था। इस गेट से सिर्फ पुजारी, पुरोहित और वीआइपी को ही प्रवेश दिय जाता है। ऐसे में मंदिर कर्मचारियों व सुरक्षा जांच को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं।