सिडबी-गूगल करार क्या सूक्ष्म उद्योगों का उत्थान कर पाएगा

भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक जिसे सिडबी कहा जाता है, सरकार द्वारा 1990 में गठित की गई थी और देश के छोटे एवं मझौले उद्योग या एमएसएमई का संरक्षक भी कहा जाता है.

सिडबी द्वारा अपनी समावेशी, एकीकृत और नई योजनाओं और वितरण के तरीकों से पारंपरिक, देशी, छोटे और बड़े सभी व्यापारियों और उद्योगपतियों की ऋण व्यवस्था में अहम रोल निभाया गया है.

इसी तरह गूगल जो अमरीका की एल्फाबेट एन कारपोरेशन की एक सब्सिडरी कंपनी है, उसने सूचना प्रौद्योगिकी, संरचना और वितरण के क्षेत्र में अपने उत्पाद सर्च इंजन, मेप, ऐंडराइड, जीमेल, क्रोम, यूट्यूब, आदि द्वारा न केवल विश्व के आम आदमी को प्रभावित किया है बल्कि सूचना क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव किया है.

भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ कहे जाने वाले छोटे उद्योग या एमएसएमई का उत्थान कोविड 19 के बाद न केवल सरकार के लिए बल्कि सभी व्यापारिक चैम्बर्स के लिए भी चुनौती बन गया है.

किस तरह से सरकारी मदद, योजनाओं का लाभ, बैंकों के माध्यम से आसान ऋण और व्यापारिक बढ़त एवं साथ इस एमएसएमई को मिलें, इसके लिए सिडबी और गूगल ने हाल में ही एक करार किया है. एमएसएमई में व्याप्त असीम संभावनाओं को देखते हुए गूगल सिडबी के माध्यम से 110 करोड़ रुपये का निवेश छोटे उद्योगों को ऋण के माध्यम से करेगा और इस योजना का नाम सामाजिक प्रभाव ऋण योजना होगा.

भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक ने सूक्ष्म, छोटे और मझोले उद्योगों यानी एमएसएमई को रियायती ब्याज दरों पर एक करोड़ रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान करने से जुड़े सामाजिक प्रभाव लेंडिंग प्रोग्राम शुरू करने के लिए गूगल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ करार किया है.

सिडबी ने बताया कि गूगल के साथ इस साझेदारी में एमएसएमई को कोविड​​​​-19 महामारी से संबंधित संकट के समाधान के लिए 1.5 करोड़ डॉलर (लगभग 110 करोड़ रुपये) के फंड का प्रावधान किया गया है.

बयान में कहा गया कि इसके तहत, सिडबी द्वारा 25 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये के बीच के ऋण के साथ सूक्ष्म उद्यमों (5 करोड़ रुपये तक का टर्नओवर और महिलाओं द्वारा संचालित उद्योगों को प्राथमिकता) पर लक्षित एक ऋण कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है.

गूगल एमएसएमई जैसे बड़े और फैले हुए क्षेत्र की विकास जरूरतों की गहरी समझ रखने वाले सिडबी के साथ हाथ मिलाकर इन उद्यमों को अपने निवेश द्वारा सहयोग देकर भारतीय अर्थव्यवस्था में वित्तीय क्षेत्र में अपने कदम रखने का प्रयास कर रहा है.

गूगल द्वारा यह निवेश सिडबी के माध्यम से एमएसएमई तक पहुंचे, इस योजना के सफल क्रियान्वयन और देश के हर योग्य क्षेत्र को इसका लाभ मिलें, इसके प्रयास व्यापारिक चैंबर्स को शासन, प्रशासन, सिडबी और जिला उद्योग कार्यालय के माध्यम से करने होंगे ताकि अपने अपने शहरों और क्षेत्रों में इसका फायदा मिल सकें.

सिडबी से प्रयास करने होंगे की इस करार और सामाजिक योजना का लाभ सूक्ष्म उद्योगों तक पहुँचाने की नियम और शर्तों का विवरण जल्द से जल्द प्रशासन और सभी व्यापारिक चैंबर्स को उपलब्ध हो और जिला कलेक्टर अपने क्षेत्र के उत्थान के लिए पूरा सहयोग प्रदान करें.

अब देखना होगा कि यह सिर्फ एक खबर या करार ही न रह जाए, इसके परिणाम जमीनी स्तर पर परिलक्षित हो तभी सही मायनों में सूक्ष्म उद्योगों का उत्थान संभव!

लेखक एवं विचारक: सीए अनिल अग्रवाल जबलपुर

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