मुंबई। कोरोना की दूसरी लहर कमजोर होने के बीच देश में कोरोना वायरस के नए म्यूटेंट के मौजूदगी की खबर है। इनसाकोग नेटवर्क मॉनिटरिंग जीनोमिक के वैज्ञानिकों ने कहा कि कोरोना वायरस का नया म्यूटेंट एवाय.4.4.2 का पता लगा है। साइंटिस्ट का कहना है कि इस नए म्यूटेंट ने यूरोप में दहशत मचा रखी है। बताया जा रहा है कि यह संभवतः डेल्टा की तुलना में अधिक संक्रामक है। यह म्यूटेंट भारत में “बहुत कम संख्या में” मौजूद है। यूके, रूस (अगले सप्ताह मास्को में एक लॉकडाउन शुरू होगा) और इजरायल में पिछले सप्ताह में कोरोना मामलों में तेजी से वृद्धि का कारण इस नए म्यूटेंट सार्स-कोव- एवाय.4.4.2 की आशंका जताई जा रही है। साइंटिस्टों का कहना है कि एवाय.4.4.2 से जुड़े निष्कर्षों में अभी भी हाईरिस्क को लेकर अनिश्चितता है। वैज्ञानिकों के अनुसार अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि इस म्यूटेंट में गंभीर बीमारी या मौत का हाई जोखिम है।
सीएसआईआर इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (आईजीआईबी) के निदेशक डॉ अनुराग अग्रवाल ने कहा कि एवाय.4.2 संशोधित परिभाषा के आधार पर भारत में मौजूद है। हालांकि इसकी मौजूदगी बहुत कम संख्या में, 0।1 फीसदी से कम।” आईजीआईबी इनसाकोग जीनोमिक निगरानी की मेन लैब में से एक है। डॉ अग्रवाल ने कहा कि भारत में एवाय.4.2 की अधिक जानकारी और सटीक संख्या जल्द ही उपलब्ध होगी। एवाय.4.2 डेल्टा वैरिएंट का म्यूटेंट है, जिसे अब तक सार्स-कोव-2 वायरस का सबसे खतरनाक रूप माना जाता रहा है। 21 अक्टूबर को, यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ने कहा कि उसके डेटाबेस में अब तक एवाय.4.2 के 10 से कम मामले दर्ज किए गए हैं। जबकि यूके के स्वास्थ्य अधिकारियों ने वायूआई-21अक्टू-01 के 15,120 मामले पाए थे। इसका पहली बार जुलाई में पता चला था।