जानिए क्या है देश में सामने आया कोरोना वायरस का नया डेल्टा प्लस वैरिएंट और ये कितना खतरनाक ?

 

 

नई दिल्ली, । देश में कोरोना की दूसरी लहर की रफ्तार मंद पड़ चुकी है। देश में हर रोज कोरोना के मामलों में कमी आ रही है। इस बीच, केंद्र सरकार की ओर से कोरोना के एक नए रूप(वैरिएंट) को लेकर जानकारी साझा की गई है। केंद्र ने औपचारिक रूप से स्वीकार किया है कि देश में कोरोना का एक नया वैरिएंट सामने आया है जो पिछले डेल्टा वैरिएंट के काफी करीब है। इसे AY.1 या डेल्टा प्लस वैरिएंट नाम दिया गया है। सरकार ने बताया है कि AY.1 कोरोना वायरस का एक वेरिएंट मौजूद है जो कि कोरोना ायरस के डेल्टा वैरिएंट के क़रीब है।

क्या है डेल्टा प्लस वैरिएंट ?

देश में कोरोना वायरस का एक नया वैरिएंट ‘डेल्टा प्लस’ (Delta Plus) विकसित हो गया है। यह डेल्टा वैरिएंट का विकसित रूप है। डेल्टा वैरिएंट पहली बार भारत में ही पाया गया था। देश में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान वायरस की चपेट में आए ज़्यादातर लोग इसी वैरिएंट के शिकार हुए थे। अब वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि डेल्टा वैरिएंट ही विकसित होकर डेल्टा प्लस बन गया है। लेकिन केंद्र सरकार ने कहा है कि अभी तक ये डेल्टा प्लस चिंताजनक वैरिएंट(Variant of Concern) नहीं बना है। हालांकि, केंद्र सरकार की इस पर लगातार नजर बनी हुई है।

कैसे बना डेल्टा प्लस वैरिएंट ?

डेल्टा प्लस वैरिएंट, डेल्टा वैरिएंट यानी कि बी.1.617.2 स्ट्रेन के म्यूटेशन से बना है। म्यूटेशन का नाम K417N है और कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन में यानी पुराने वाले वैरिएंट में थोड़े बदलाव हो गए हैं। इस कारण नया वैरिएंट सामने आ गया। स्पाइक प्रोटीन, वायरस का वह हिस्सा होता है जिसकी मदद से वायरस हमारे शरीर में प्रवेश करता है और हमें संक्रमित करता है। K417N म्यूटेशन के कारण ही कोरोना वायरस हमारे प्रतिरक्षा तंत्र(इम्यून सिस्टम) को चकमा देने मे कामयाब होता है। नीति आयोग ने 14 जून को कहा था कि ‘डेल्टा प्लस’ वैरिएंट इस साल मार्च से ही हमारे बीच मौजूद है। हालांकि, ऐसा कहते हुए नीति आयोग ने बताया कि ये अभी चिंता का कारण नहीं है।sabhar jagran

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