भोपाल:-बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय के खेल प्रांगण में इस भीषण कोरोना महामारी के समय में भी कुछ अवांछित बाहरी लोगो के द्वारा खेल परिसर के अंदर कोरोना कर्फ्यू के नियमों को तांक पर रखते हुए लगातार खेल गतिविधियां और अन्य प्रकार की गतिविधियां जारी है। दूसरी ओर बरकतउल्ला विश्वविद्यालय मैं लगी सुरक्षा एजेंसी कुंभकरण की नींद में सो रही है। सुरक्षा के नाम पर विश्वविद्यालय हर महीने लाखों रुपए खर्च करता है, कभी चंदन के पेड़ कटने की शिकायतें आती है तो कभी चोरी की घटनाएं घटित होती है। एक तरफ शासन-प्रशासन कोरोना जैसी भीषण महामारी से जूझ रहा है और इस महामारी को खत्म करने के लिए दिन रात प्रयास में लगा हुआ है, तमाम छोटे छोटे कर्मचारियों से लेकर के बड़े बड़े अधिकारी,मंत्री इस महामारी से जनता को निजात दिलाने में दिन रात जूझ रहे हैं वहीं दूसरी ओर बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के खेल मैदान पर बाहरी लोगों के द्वारा पिछले कुछ दिनों से झुंड बनाकर लगातार खेल गतिविधियों सहित अन्य प्रकार की गतिविधियां बेरकटोक की जा रही है, खेल मैदान के तमाम गेटो पर तालाबंदी की जा चुकी है फिर भी बाहरी लोग गेटो के ऊपर से कूदकर मैदान में प्रवेश करते हैं,साथ ही खेल मैदान के आसपास जो जाली लगी है उसे भी इन बाहरी लोगों के द्वारा तोड़ा जा चुका है। इस प्रकार की घटनाएं अगर इस कर्फ्यू में भी जारी है तो बरकतउल्ला विश्वविद्यालय की सुरक्षा व्यवस्था पर कई सवाल खड़े होते हैं कि लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी बरकतउल्ला विश्वविद्यालय मैं अनैतिक गतिविधियां कैसे जारी है?
विश्वविद्यालय के तमाम सुरक्षा अधिकारी सहित कुलसचिव व कुलपति आखिरकार इन गतिविधियों पर ध्यान क्यों नहीं दे रहे हैं? अगर किसी को संक्रमण हो गया और किसी की कोरोना संक्रमण से खेल गतिविधियों के दौरान जनहानि हो गई तो जिम्मेदारी किसकी होगी?
जब तमाम अमीर गरीब लोग विभिन्न मजबूरियों, परेशानियों को सहते हुए अपने अपने घरों में लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए कैद हैं ताकि समाज में संक्रमण ना फैले फिर यह लोग खुलेआम खेल गतिविधियां किसकी परमिशन से कर रहे है? सुरक्षा में लगे अधिकारियों समाज हित में मेरा आपसे सविनय निवेदन है कि जनहित में इन खेल गतिविधियों और अन्य जो अनैतिक गतिविधियां बाहरी लोगों के द्वारा की जा रही है उन्हें तत्काल प्रभाव से बंद करवाने की कृपा करें ताकि कोई जनहानि ना हो और जनता कर्फ्यू के नियमों का उचित पालन हो।