इस राज्‍य में ब्‍लैक फंगस ने मचाया कहर, 6 लोगों की हुई मौत

नई दिल्‍ली: केरल राज्य में म्यूकोर्मिकोसिस के कारण छह लोगों की मौत के कारण दहशत पैदा हो गई है, क्योंकि पिछले एक सप्ताह में कोविड-19 के कारण होने वाली मौतों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है। एर्नाकुलम, पठानमथिट्टा, कोझीकोड और कोट्टायम के पीड़ित विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में COVID उपचार के अधीन थे। राज्य में अब ब्‍लैक फंगस के 40 मामले सामने आए हैं।

इस बीच, 23 मई को COVID के कारण एक दिन में हताहत होने वालों की संख्या 188 दर्ज की गई, जिसमें पॉजिटिव जांच 22.3 प्रतिशत थी। कोविड टास्क फोर्स के एक सदस्य ने कहा, ”सभी मेडिकल कॉलेजों को पर्याप्त दवाएं स्टॉक करने और किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं। स्थिति की बारीकी से निगरानी के लिए एक मेडिकल टीम नियुक्त की गई है।”

ब्‍लैक फंगस के उपचार के समन्वय के लिए कोझीकोड एमसीएच में इसके संयोजक के रूप में एमसीएच अधीक्षक के साथ एक सात सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। कमेटी रोजाना स्थिति का आंकलन करेगी। ईएनटी विशेषज्ञों ने कहा कि आमतौर पर ब्‍लैक फंगस के मामले दुर्लभ होते हैं, लेकिन आजकल अधिक मामले सामने आ रहे हैं।

केरल में चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, नए वेरिएंट के आने के साथ लोगों पर COVID के लक्षण और प्रभाव भी अलग-अलग हैं। यहां तक कि दूसरी लहर में COVID-19 से उबरने वालों में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल बीमारियों सहित अलग-अलग लक्षण देखे जा रहे हैं। COVID संक्रमण के कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता के कमजोर होने से कई तरह की बीमारियां होती हैं, जिनमें से कुछ गंभीर भी होती हैं।

चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं जैसे टोसीलिज़ुमैब और स्टेरॉयड रोगियों की प्रतिरोधक क्षमता को कम कर रही हैं और डॉक्टर की देखरेख के बिना ऐसी दवाओं का उपयोग रोगी को COVID से जुड़े म्यूकोर्मिकोसिस (CAM) के प्रति संवेदनशील बना दिया है।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के रिसर्च सेल के अध्यक्ष डॉ आरसी कुमार ने कहा, ”बहुत से लोग बिना किसी प्रिस्क्रिप्शन के ड्रग्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। उनमें से कुछ कोविड का पता लगाने के बाद तीन से चार दिनों के लिए अपने आप स्टेरॉयड का उपयोग करना शुरू कर देते हैं। यह एक खतरनाक प्रवृत्ति है।”

हालांकि, राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि राज्य में ब्‍लैक फंगस के कई मामले सामने आए हैं, लेकिन इस स्तर पर घबराने की जरूरत नहीं है।

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