राजधानी के अस्पतालों में पिछले एक हफ्ते में कोरोना संक्रमितों के कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनसे यहां के डाक्टर भी हैरान हैं। कुछ मरीज ऐसे हैं जिनके सीटी स्कैन में फेफड़े में काफी इंफेक्शन नजर आया और डाक्टरों ने इसे कोविड का गंभीर केस बताया, लेकिन आरटीपीसीआर जांच हुई तो कोविड नेगेटिव निकला।
डाक्टरों का दावा है कि प्रदेश में अब तक ऐसे ढाई सौ से ज्यादा केस आ गए हैं। कई मामले ऐसे हैं जिनमें मरीजों की कोविड जांच रिपोर्ट नेगेटिव थी, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। ऐसे मृतकों की संख्या भी 50 से ज्यादा बताई गई है।
कोरोना की दूसरी लहर मरीजों के लक्षणों में कई बदलाव लेकर आई है। अंबेडकर समेत निजी अस्पतालों में इन दिनों ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ गई है, जिसकी सीटी स्कैन रिपोर्ट में मरीज को गंभीर बताया जाता है, लेकिन आरटीपीसीआर रिपोर्ट नेगेटिव आ रही है। जबकि सीटी स्कैन फिल्म में दोनों फेफड़े सफेद यानी इंफेक्शन से भरे नजर आ रहे हैं। ऐसे में डॉक्टर समझ नहीं पा रहे हैं कि इलाज किस तरह किया जाए। कुछ अस्पतालों में इसे लेकर डॉक्टर व मरीज के परिजनों में विवाद भी हो रहा है।
परिजन आरोप लगाते हैं कि रिपोर्ट नेगेटिव होने के बावजूद कोरोना का इलाज चल रहा है। डॉक्टरों को पूरी बात समझानी पड़ रही है कि फेफड़े में इंफेक्शन है इसलिए उनका इलाज कोरोना प्रोटोकॉल के अनुसार होता है। मरीज की हिस्ट्री भी देखी जाती है कि कहीं वह टीबी या निमोनिया का मरीज तो नहीं है। टीबी व निमोनिया न होने पर लक्षण के आधार पर डॉक्टर इसे कोरोना जैसी बीमारी मानकर इलाज कर रहे हैं। फेफड़े में इंफेक्शन वाले कई मरीज हाल में बीमार पड़ते हैं।
इसलिए डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे केस में लक्षण के आधार पर इलाज करना सही है। रिपोर्ट के आधार पर इलाज करें तो मरीज को जान का खतरा हो सकता है।
केस-1 : अंबिकापुर के 58 वर्षीय व्यक्ति के सीटी स्कैन रिपोर्ट में फेफड़े में 90% इंफेक्शन बताया गया, लेकिन आरटीपीसीआर रिपोर्ट नेगेटिव रही। मरीज की हालत खराब थी, लेकिन इलाज के बाद ठीक हो गए।
केस-2 : भिलाई के 65 वर्षीय महिला को सांस लेने में तकलीफ थी। सीटी स्कैन जांच में दोनों फेफड़े में 80% इंफेक्शन बताया गया। कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव रही, लेकिन इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।
एक्सपर्ट व्यू….
इंफेक्शन के 9वें या 10वें दिन जांच कराने पर काेरोना जांच की रिपोर्ट नेगेटिव हो सकती है। जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो, ऐसे लोगों का शरीर वायरस से लड़ता है। फेफड़े में इंफेक्शन तो दिखता है, लेकिन रिपोर्ट नेगेटिव आ सकती है। -डॉ. आरके पंडा, सदस्य कोरोना कोर कमेटी