देश के औसत से ज्यादा मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण दर*

 

 

*देश के औसत से ज्यादा मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण दर*

भोपाल। मध्य प्रदेश कोरोना संक्रमण के भयावह दौर से गुजर रहा है। प्रदेश में संक्रमण दर देश की औसत संक्रमण दर से अधिक हो गई है। मध्य प्रदेश में 12.01 फीसद लोग संक्रमित हो रहे हैं, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह आंकड़ा 9.9 फीसद है। यह स्थिति इसलिए भी चिंताजनक है कि कुछ दिन पहले यह दर 10.06 थी। संक्रमितों की संख्या 28533 तक पहुंच गई है और पिछले एक सप्ताह में 12-13 गुना मामले बढ़े हैं। आक्सीजन की मांग भी अप्रत्याशित तौर पर बढ़ी है। 22 मार्च तक 64 टन आक्सीजन की खपत हो रही थी, जो 10 अप्रैल को बढ़कर 234 टन हो गई। आक्सीजन की इस बढ़ती मांग के पीछे लोगों और फैक्टरियों द्वारा संग्रह करने की आशंका है। राहत की बात यह है कि प्रदेश में 277 टन ऑक्सीजन की उपलब्धता है। रेमडेसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति शुरू हो गई है। यह आधिकारिक जानकारी राज्य शासन की ओर से दी गई है।
कोविड-19 के प्रबंधन के तहत यह जानकारी स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान ने दी। मीडिया से चर्चा के दौरान चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने सरकार द्वारा किए जा रहे उपायों की जानकारी दी। गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा ने संक्रमण रोकने के लिए प्रतिबंधात्मक कार्रवाई के बारे में बताया। सुलेमान ने कहा कि संक्रमण बढ़ने के बीच ऑक्सीजन संग्रह करने की प्रवृत्ति बढ़ी है। संक्रमित हो रहे सभी लोगों को ऑक्सीजन की आवश्यकता नहीं है। इसके बावजूद भारी मांग के पीछे आशंका यह है कि लोग इसका स्टाक कर रहे हैं। इन पर राज्य शासन कार्रवाई करेगा।

*रेमडेसिविर इंजेक्शन को घरों में न रखें, यह घातक है*

सुलेमान ने स्पष्ट किया कि कोरोना संक्रमित होते ही रेमडेसिविर इंजेक्शन की जरूरत नहीं होती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इस बारे में स्पष्ट किया है कि यह सभी के लिए अनिवार्य नहीं है। यह एंटी वायरल ड्रग है। अभी हर व्यक्ति इसके लिए लाइन में लगा हुआ है। लोग इंजेक्शन खरीदकर घरों में रख रहे हैं, जबकि घरों में रह रहे लोग इसका उपयोग कतई न करें। यह घातक हो सकता है। इस संबंध में चिकित्सकीय दृष्टिकोण को स्पष्ट करते हुए डॉ. देव पुजारी ने बताया कि आपात परिस्थितियों में इसका उपयोग किया जाता है। फेफड़ों के 35 फीसद से अधिक प्रभावित होने, सांस लेने में दिक्कत होने पर ही इसका उपयोग किया जाना चाहिए।
सुलेमान ने बताया कि इंजेक्शन खरीदने के लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसी बीच अलग मद से 50 हजार की खरीद प्रक्रिया अमल में लाई गई है। इंजेक्शन की आपूर्ति भी शुरू हो गई है। सुलेमान ने बताया कि यह निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि जिन मरीजों को अधिक ऑक्सीजन की जरूरत होगी, उसे ही यह इंजेक्शन दिया जाएगा। सरकार ने निजी अस्पतालों को 35 हजार इंजेक्शन उपलब्ध कराने के लिए कंपनी से बात की है।

*मेडिकल शिविर के लिए हर जिले को दिए दो-दो करोड़ रुपये*

कोविड-19 के दौरान आकस्मिक व्यय के लिए सरकार ने प्रदेश के लिए 104 करोड़ रुपये जारी किए हैं। मेडिकल और राहत शिविर के लिए प्रत्येक कलेक्टर दो करोड़ रुपये खर्च कर सकेंगे। उन्हें किसी भी तरह की खरीद या अन्य आवश्यकताओं पर खर्च करने का विशेषाधिकार रहेगा। राहत आयुक्त कार्यालय की ओर से इस आशय के आदेश जारी कर दिए गए हैं। इसके तहत कलेक्टर अपनी अध्यक्षता में समिति का गठन कर राशि व्यय कर सकेंगे। यह राशि कोरोना संक्रमितों के भोजन-कपड़े, क्वारंटाइन सेंटर के संचालन, आवश्यक सेवाओं में तैनात कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए सामग्री खरीदने में खर्च की जा सकेगी।

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