लॉक डाउन-कोरोना और जनता इन सब मे पिसा रहा सरकारी अमला,
लॉक डाउन को लेकर ग्रुप में कई सुझाव पड़े,बहुत ही अच्छे और बहुत हद तक सत्य भी है। लेकिन कोरोना,उसके बाद लॉक डाउन हो या नही। इस पूरे दौरान क्या आम जनता का कोई फ़र्ज़ बनता भी है कि नही। देश के नेता कैसे है,कितनी दूरदृष्टि है यह किसी से छुपा नही है। और तो और हर मौके को लेकर यही नेता अवसर खोना नही चाहते। क्योंकि अनलॉक को लेकर जिस तरह सेटिंगबाजी, अव्यवस्थित प्लांनिग औऱ अब यह वही कोरोना के कहर के हालात। खैर बात दोबारा वही आमजनता की आती है कि सभी ठेके सिर्फ सरकार,अधिकारियों ने ले रखे है। इंदौर में मास्क पहनाने को लेकर जिस तरह से सख्ती और फिर बवाल हुआ। हर किसी राजनेता ने अपने अंक बढ़ाने में कोई कसर नही छोड़ी। लेकिन जनाब इंदौर कलेक्टर महोदय पहले से सभी गाइड लाइन के आदेश निकाल चुके है। फिर भी शहर के अतिसमझदार जैसे कि 56 दुकान स्थित संचालक उसका खुलेआम उल्लंघन कर रहे थे। वहां पढ़े लिखे ही और अच्छे घरानों से संबंध रखने वाले बैठकर लुफ्त ले रहे थे। क्या दुकानदार के साथ ही यह पढ़े लिखे नियम तोड़ते गुनहगार नही थे। अब मास्क पहनाने को लेकर इंदौर कलेक्टर,इंदौर नगर निगम सैकड़ो कोशिशें कर रहे है। नियमो का पालन करने के लिए रोज हाथ तक जोड़ रहे है। फिर भी 4 बार सफाई में नंबर वन इस शहर के कुछ पढ़े लिखे गंवार कुछ समझने को तैयार नही है। सभी ठेका सिर्फ इंदौर कलेक्टर या नगर निगम या पुलिस ने ही ले रखा है क्या? आम जनता का कोई फर्ज नही। कोई मास्क नही पहनते दिखते है तो क्या हम ही उसे रोक टोक नही सकते। क्यो पुलिस कर्मियों को पिटाई तक करनी पड़ रही है। साहब सालभर से ज्यादा समय निकल गया है। इंदौर प्रशासन,नगर निगम,पुलिस अमला, स्वास्थ्य अमला क्या थक नही सकता। परेशान नही हो सकता है। क्या वह निराश नही हो सकता है। इस कोरोना के अलावा भी इंदौर जिला प्रशासन,पुलिस प्रशासन,नगर निगम को और कोई काम नही है क्या? मेरा तो सिर्फ इतना निवेदन है कि कोई लॉक डाउन की जरूरत नही। बस हमे खुद जागने,जागरूक होने की जरूरत है। सरकारी अमले को कंधे से कंधा मिलाकर कोरोना से दो दो हाथ करने की जरूरत है। वह फिर चाहे,पत्रकार हो,आमनागरिक हो, ऑटो चालक हो,सब्जी बेचने वाला हो, या फिर कोई भी। शहर में अब कोरोना सिर्फ और सिर्फ लापरवाहियों की वजह से बढ़ रहा है। जो लापरवाही सिर्फ और सिर्फ हमारी है। फिर चाहे हम मास्क नही पहने,सोशल डिस्टेंस का पालन नही करे, या फिर किसी लापरवाह को नही टोके। इसके अलावा वैक्सीन भी नही लगवाए।
मेरा बस इतना कहना है कि कोरोना से निपटने का ठेका सिर्फ इंदौर कलेक्टर,कमिश्नर, पुलिस अधिकारी या सिर्फ सरकारी अमले ने नही ले रखा है।