नई दिल्ली: देश में कोरोना के बढ़ते मामलों की रोकथाम और सुरक्षा मानकों के पालन के लिए नई रणनीति की जरूरत है, ताकि कोविड के म्यूटेंट स्ट्रेन को काबू में किया जा सके. AIIMS प्रमुख और सरकार की कोविड टॉस्कफोर्स के अहम सदस्य रणदीप गुलेरिया ने रविवार को ये अहम सुझाव दिया. पूरे भारत में पिछले 24 घंटे में सितंबर मध्य के बाद से कोरोना के सबसे ज्यादा 93,249 मामले सामने आए हैं. इसी के साथ कोरोना के कुल मामले 1.24 करोड़ पार कर गए हैं. 19 सितंबर को 93 हजार 337 कोरोना के मामले मिले हैं.
देश में कम्यूनिटी ट्रांसमिशन होने की संभावना और जब तक इसे काबू में नहीं कर लिया जाए, तब तक स्वास्थ्य ढांचे में दबाव बना रहेगा. गुलेरिया ने कहा कि देश में माइक्रो लॉकडाउन एक सुझाव है, जो वायरस का संक्रमण रोकने में कारगर हो सकता है. उन्होंने कहा कि हमें तेजी से कोरोना के दैनिक मामले कम करने पड़ेंगे, इसमें कई बड़े उपाय जैसे कंटेनमेंट जोन, लॉकडाउन एरिया, टेस्टिंग, ट्रेसिंग और आइसोलेशन (Testing, Tracing and Tracking) जैसे विकल्पों को मुखरता से आजमाया जाना चाहिए.
AIIMS प्रमुख ने कहा कि हम ऐसे कदम उठा सकते हैं जो अर्थव्यवस्था को बड़े पैमाने पर चोट नहीं पहुंचाएं. इसमें गैर जरूरी यात्राओं को हतोत्साहित करना जरूरी है. लोग निश्चित तौर पर अपनी छुट्टियों को टाल सकते हैं. इससे संक्रमण की रफ्तार पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी. इससे उन इलाकों में ध्यान देने में मदद मिलेगी, जहां कोरोना संक्रमण अभी ज्यादा नहीं फैला है.
गुलेरिया ने कहा, ये बड़ा बदलाव है, हम न केवल हवाई यात्रा की बात कर रहे हैं, बल्कि सड़क और ट्रेनों से आवागमन की भी बात कर रहे हैं. लेकिन जब इसे आप समग्रता से देखेंगे तो पता चलेगा कि ये कितना कठिन है.गुलेरिया ने कहा कि जीनोम सीक्वेंसिंगऔर इसके महामारी के डेटा से जोड़ने के लिए यह महत्वपूर्ण है.