नई दिल्ली, । चालू वित्त वर्ष में कोरोना महामारी के कारण विनिवेश लक्ष्य से काफी अंतर से चूकती दिख रही सरकार ने अगले वित्त वर्ष में फिर पूंजी जुटाने के लिए विनिवेश पर दांव लगाया है। बजट में वित्त वर्ष के 2021-22 के लिए 1.75 लाख करोड़ रुपये का विनिवेश लक्ष्य तय किया गया है। पहली अप्रैल, 2021 से शुरू होने जा रहे अगले वित्त में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के साथ-साथ दो सरकारी बैंकों और एक बीमा कंपनी में भी विनिवेश की तैयारी है।
चालू वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 2.10 लाख करोड़ रुपये का विनिवेश लक्ष्य रखा गया था। कोरोना के कारण बदली परिस्थितियों में इसे संशोधित कर 32,000 करोड़ कर दिया गया है। अब तक कुछ कंपनियों में हिस्सेदारी बिक्री और शेयर बायबैक से सरकार ने 19,499 करोड़ रुपये जुटाए हैं।
अगले वित्त वर्ष के लिए तय 1.75 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य में से एक लाख करोड़ रुपये की राशि सरकारी बैंकों व वित्तीय संस्थानों में हिस्सेदारी बिक्री से हासिल की जाएगी। 75,000 करोड़ रुपये की राशि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में विनिवेश से जुटाई जानी है।
बजट भाषण के दौरान विनिवेश व रणनीतिक विनिवेश की नीति पर बात करते हुए वित्त मंत्री ने बताया कि परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष एवं रक्षा, परिवहन एवं टेलीकम्युनिकेशन, पावर, पेट्रोलियम, कोयला व अन्य खनिज, बैंकिंग, बीमा एवं वित्तीय सेवाओं को स्ट्रेटजिक सेक्टर्स में शुमार किया गया है। स्ट्रेटजिक सेक्टर्स में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की संख्या को न्यूनतम किया जाएगा।
इन सेक्टर्स की अन्य सरकारी कंपनियों का निजीकरण किया जाएगा, उनका अन्य सरकारी कंपनियों में विलय कर दिया जाएगा या उन्हें बंद कर दिया जाएगा। विनिवेश एवं रणनीतिक विनिवेश नीति का एलान करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि नीति का उद्देश्य सरकारी कंपनियों की संख्या कम करना और निजी क्षेत्र के लिए नए अवसर तैयार करना है। वित मंत्री ने संसद के इसी सत्र में एलआइसी के आइपीओ के लिए जरूरी विधायी संशोधन पेश करने की बात भी कही।
बनेगी स्ट्रेटजिक सेक्टर की नई सूची
विनिवेश नीति को तेज करने के लिए नीति आयोग ऐसी केंद्रीय सरकारी कंपनियों की अगली सूची तैयार करेगा, जिनमें स्ट्रेटजिक विनिवेश किया जा सकता है। इसी तर्ज पर राज्य सरकारों को भी सरकारी कंपनियों के विनिवेश की दिशा में प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र की ओर से प्रोत्साहन पैकेज पर काम किया जाएगा।
बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा कि मंत्रालयों, सरकारी विभागों और कंपनियों के पास बेकार पड़ी परिसंपत्तियों से कमाई की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘इसके लिए विशेष व्यवस्था की जरूरत होगी। इस दिशा में मैं स्पेशल परपज व्हीकल के तौर पर एक कंपनी के गठन का प्रस्ताव रखती हूं, जो इस तरह की गतिविधियों को अंजाम देगी।’