केंद्र सरकार बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी पर रोक लगाने की तैयारी में हैं. जानकारी के अनुसार सरकार बजट सत्र में इस पर बिल भी पेश कर सकती है. इस बिल में देश की आधिकारिक डिजिटल मुद्रा का ढ़ांचा भी हो सकता है. भारतीय रिजर्व बैंक रुपये के डिजिटिल वर्जन जारी करने का विकल्प भी खोज रहा है, जोकि केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा के रूप में काम करेगा.
लोकसभा द्वारा जारी एक बुलेटिन में शुक्रवार को बताया गया है कि रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल 2021 का उद्देश्य देश में अधिकारिक डिजिटल करेंसी बनाना और भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को रोकना है. इस बिल द्वारा क्रिप्टोकरेंसी की अंतर्निहित तकनीक को बढ़ावा दिया जाएगा.
सरकार क्यों लगा रही है रोक?
25 जनवरी को जारी बुकलेट में आरबीआई ने कहा था कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी और उसके साथ आने वाले रिस्क को लेकर सावधान है. लेकिन मौजूदा समय में करेंसी के डिजिटलाइजेशन के विक्ल्प के बारे में सोचा जा रहा है.क्रिप्टोकरेंसी एक विकेंद्रीकृत भुगतान प्रणाली है. इसका मतलब ये पारंपरिक मुद्रा की तरह किसी केंद्रीय बैंक द्वारा रेगयुलेट नहीं की जाती. इस वजह से आरबीआई जैसे केंद्रीय बैंकों के लिए यह चिंता का विषय है. आरबीआई की तरह यूरोपियन सेंट्रल बैंक को भी क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ चेतावनी जारी की है.
आरबीआई ने पहले साल 2018 में क्रिप्टोकरेंसी को पर प्रतिबंध लगाने का प्रयास किया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने साल 2020 में इस फैसले को पलट दिया. क्रिपटोकरेंसी से संबंधित एक अन्य बिल भी इसी तरह साल 2018 में ड्राफ्ट कर दिया गया था.
क्या होता है बिटकॉइन
बिटकॉइन (Bitcoin) भी क्रिप्टोकरेंसी है. इसे सातोशी नकामोति ने 2008 में बनाया था. हालांकि आजतक यह नहीं पता चल पाया है कि सातोशी नकामोति कौन है. इसे पहली बार 2009 में ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में जारी किया गया था. इसको कोई बैंक या सरकार कंट्रोल नहीं करती है. भारत में रिजर्व बैंक ने इसे मान्यता नहीं दी है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने वर्चुअल करेंसी के माध्यम से क्रिप्टोकरेंसी में लेन देन की इजाजत दे दी है. यानी भारत में भी बिटकॉइन की खरीद-फरोख्त हो सकती है.
क्रिप्टोकरेंसी का मुनाफा काफ़ी अधिक होता है, ऑनलाइन खरीदारी से लेन-देन आसान होता है. क्रिप्टो करेंसी के लिए कोई नियामक संस्था नहीं है, इसलिए नोटबंदी या करेंसी के अवमूल्यन जैसी स्थितियों का इस पर कोई असर नहीं पड़ता. साल 2009 में जब बिटकॉइन को लांच किया गया था तब उसकी वैल्यू 0 डॉलर थी. 2010 में भी इसकी वैल्यू 1 डॉलर तक नहीं पहुंची. लेकिन आज बिटकॉइन का रेट 30 हजार डॉलर है. अगर भारतीय रुपये में बात करें तो इसकी कीमत 24 लाख रुपये के करीब बैठती है.
कितने तरह की होती है क्रिप्टोकरेंसी
डिजिटल या क्रिप्टो करेंसी इंटरनेट पर चलने वाली एक वर्चुअल करेंसी हैं. बिटकॉइन के अलावा दुनिया में सैकड़ों अन्य क्रिप्टो करेंसी भी मौजूद हैं जैसे- रेड कॉइन, सिया कॉइन, सिस्कॉइन, वॉइस कॉइन और मोनरो.