महेशपुरा में बिजली के तारों से बस में लगी आग, छह लोग जिंदा जले, 36 झुलसे

 

 

गूगल मैप भटकाकर मौत के रास्ते ले गया

। नाकोड़ा में दर्शन करने के बाद अजमेर और ब्यावर लौट रहे जैन श्रद्धालुओं से भरी एक बस हाईटेंशन लाइनों की चपेट में आ गई। बस में सवार करीब 42 लोग झुलस गए। इनमें से छह की मौत हो गई। 36 का उपचार चल रहा है। ज्यादातर लोग जालोर जिला अस्पताल में भर्ती है। कई लोगों की हालत गंभीर होने के कारण उन्हें जोधपुर रेफर किया गया है। सभी लोग जैन समाज के हैं जो नाकोड़ाजी दर्शन करके लौट रहे थे। गूगल मैप की वजह से बस रास्ता भटक गई और यह हादसा पेश आया।

मरने वालों में ड्राइवर-कंडक्टर और 3 महिलाएं

हादसे में ब्यावर की सोनल, सुरभि, चांद देवी, अजमेर के राजेन्द्र और ड्राइवर धर्मचंद जैन की मौत हो गई। कंडक्टर की भी मौत हो गई। जो लोग झुलसे हैं उनमें से कुछ की पहचान हो पाई है। इनमें जयपुर की प्रियंका, अजमेर की निशा, ब्यावर की शकुंतला, अनौसी, भीलवाड़ा की शिल्पा बाफना, ब्यावर की सुनीता, जयपुर की सीमा, रितिका और शिल्पा शामिल हैं।

रास्ता भटकने की वजह से महेशपुरा गांव पहुंच गए

हादसा जालोर जिले से 7 किमी दूर महेशपुरा गांव में हुआ। जैन श्रद्धालु 2 बसों में शुक्रवार की रात ब्यावर से रवाना हुए थे। सभी जालाेर जिले के जैन मंदिर में दर्शन करने पहुंचे। दर्शनों के बाद लौटते समय रास्ता भटककर महेशपुरा गांव पहुंच गए। गांव की संकरी गलियों से गुजरते समय एक बस 11 केवी लाइन की चपेट में आ गई और करंट फैलने से बस में आग लग गई।

आंखों-देखी: कंडक्टर तार हटा रहा था, इसी दौरान करंट फैल गया

बस में सवार यात्रियों ने बताया कि वे नाकोड़ा के बाद मांडोली में दर्शन करने गए थे। शनिवार देर शाम सभी जालोर शहर पहुंच गए। यहां खाना खाने के बाद उन्हें ब्यावर जाना था। गूगल मैप से ब्यावर का रास्ता देखते हुए बस आगे बढ़ रही थी। गलती से बस महेशपुरा गांव पहुंच गई। गांव की गली में 11 केवी की लाइन काफी नीचे थी। कंडक्टर हाइटेंशन लाइन की ऊंचाई देखने के लिए बस पर चढ़ गया और तार को हटाने लगा, इसी दौरान बस में करंट फैल गया और आग लग गई। राजस्थान के जालोर में शनिवार रात करीब 10.45 बजे बड़ा हादसा हो गया। एक बस 11 हजार वोल्ट की हाइटेंशन लाइन की चपेट में आ गई और बस में आग लग गई। इससे 6 लोग जिंदा जल गए। 36 लोग झुलस गए, इनमें से ज्यादातर जालोर जिला अस्पताल में भर्ती हैं। कुछ लोगों की हालत गंभीर होने के चलते उन्हें जोधपुर रैफर कर दिया गया। सभी लोग जैन समाज के हैं, जो नाकोड़ा तीर्थ से दर्शन करने के बाद अजमेर और ब्यावर लौट रहे थे।

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