मध्‍य प्रदेश में गरज-चमक के साथ बारिश के भी बन रहे आसार

 

 

हवाओं का रुख बदलने से दिन का तापमान बढ़ने लगा है। इससे धूप में भी तल्खी बढ़ गई है। न्यूनतम तापमान में भी अपेक्षाकृत गिरावट नहीं हो रही है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक अफगानिस्तान के पास एक शक्तिशाली पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है। इसके अतिरिक्त अरब सागर से लेकर राजस्थान तक एक द्रोणिका लाइन (ट्रफ) बना हुआ है। इस वजह से मौसम का मिजाज बिगड़ने वाला है। शनिवार को बादल छा सकते हैं। साथ ही रविवार-सोमवार को राजधानी सहित प्रदेश के कुछ स्थानों पर गरज-चमक के साथ बरसात भी हो सकती है। विशेषकर ग्वालियर, चंबल, सागर, उज्जैन संभाग के जिलों में मौसम बदलने की संभावना है। वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ जम्मू-काश्मीर पर मौजूद है। इसके अलावा एक अन्य पश्चिमी विक्षोभ अफगानिस्तान और उसके आसपास सक्रिय है।

इस सिस्टम की तीव्रता भी अधिक है। इसके प्रभाव से हवा का रुख बदलने लगा है। इस वजह से न्यूनतम तापमान में अपेक्षाकृत गिरावट नहीं हो रही है। साथ ही दिन का तापमान भी सामान्य से अधिक दर्ज होने लगा है। शुक्ला के मुताबिक वर्तमान में एक द्रोणिका लाइन (ट्रफ) अरब सागर से गुजरात होते हुए राजस्थान तक बनी हुई है। इस सिस्टम के कारण पूर्वी और पश्चिमी हवाओं का टकराव (सम्मिलन) होने की संभावना है। इस वजह से मिल रही नमी के कारण शनिवार को राजधानी सिंहत प्रदेश के कई स्थानों पर बादल छाने लगेंगे।

रविवार को कहीं-कहीं बारिश भी हो सकती है। उधर अफगानिस्तान पर बने सिस्टम के चार जनवरी तक उत्तर भारत में दाखिल होने की संभावना है। इससे उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में एक बार फिर बर्फबारी शुरू होने का अनुमान है। इस सिस्टम के आगे बढ़ने पर सात जनवरी के आसपास एक बार फिर ठंड का दौर लौटने की संभावना है।

Shares