देश के अनेक राज्‍यों में 1 और 4 जनवरी से खुलेंगे स्‍कूल-कॉलेज

 

 

देश के कई राज्‍यों में स्‍कूल एवं कॉलेज नए सिरे से खुलते जा रहे हैं। जैसे जैसे कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी आ रही है स्‍कूलों को खोले जाने की पहल भी शुरू हो गई है। अनलॉक के बाद सभी स्‍कूल खुलना तय किया गया था लेकिन कोरोना के संक्रमण के चलते अभिभावक बच्‍चों को भेज नहीं रहे थे। स्कूल बंद होने के कारण शिक्षा पर काफी असर पड़ा है। सर्तकर्ता के साथ विद्यालय का संचालन करना होगा। सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन सभी स्कूलों को करना होगा, तभी विद्यालय बेहतर तरीके से चल सकेगा। नहीं तो बच्चों के बीमार होने का खतरा रहेगा। लॉकडाउन के बाद से बंद पड़े स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ाई की शुरुआत की जाएगी। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए स्कूल और कॉलेजों को लंबे समय तक बंद थे। स्‍कूलों को खोले जाने को लेकर अब अलग-अलग राज्‍यों से खबरें सामने आ रही हैं। चालू माह में एक के बाद एक कई राज्‍यों में स्‍कूल एवं कॉलेज खुलेंगे, वहीं जनवरी में भी यह क्रम जारी रहेगा। सरकार के निर्देश पर कुछ माह पहले ही 9वीं से 12वीं तक के स्कूल खोले गए। स्कूलों में अभिभावकों की सहमति से ही छात्र-छात्राओं को भेजे जाने के निर्देश थे। जहां केंद्रीय विद्यालय भी खुलने वाले हैं, वहीं झारखंड, मध्‍य प्रदेश, हरियाणा, ओडिशा आदि राज्‍यों में अब नियमित रूप से स्‍कूलों में कक्षाएं लगने जा रही हैं। झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने बड़ा फैसला लिया। है। मेडिकल, डेंटल और नर्सिंग संस्थानों में पढ़ाई शुरू होगी। इसके साथ ही अब सभी सरकारी प्रशिक्षण संस्थानों में प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हो सकते हैं।

कर्नाटक में 1 जनवरी से 10वीं और 12वीं के स्कूलों को खोलने का फैसला

कर्नाटक सरकार ने स्कूलों और प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेजों यानी पीयूसी (Pre-University Colleges) को कक्षा-10 और 12वीं के छात्रों के लिए एक जनवरी से फिर से खोलने का फैसला किया है। कक्षा-10 और 12वीं की कक्षाएं शुरू करना महत्वपूर्ण है क्योंकि इन छात्रों को बोर्ड की परीक्षाएं देनी है। मालूम हो कि कर्नाटक में 17 नवंबर को डिग्री और इंजीनियरिंग कॉलेज खोले गए थे। राज्‍य के शिक्षा मंत्री एस सुरेश कुमार (S Suresh Kumar) ने यह जानकारी दी। ये स्‍कूल कोरोना संकट के चलते पैदा हुए हालत के कारण बंद थे। इसके साथ ही राज्य सरकार ने विद्यागम कार्यक्रम भी शुरू करने फैसला किया है। विद्यागम कार्यक्रम कक्षा छह से कक्षा नौ तक के छात्रों के लिए सतत स्कूली शिक्षा के लिए सक्षम बनाता है। फैसला लेने से पहले इस मसले पर लगभग एक घंटे तक विस्तार से चर्चा की गई।

महाराष्‍ट्र 

महाराष्ट्र के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने कहा कि जिले के शहरी और ग्रामीण इलाकों में नौवीं से 12वीं तक की कक्षा के छात्रों के लिए स्कूल 4 जनवरी से खुल जाएंगे। नागरिक निकाय और जिला परिषद के अधिकारी उचित तरीके से तैयारी शुरू कर दें।

पुडुचेरी 

पुडुचेरी की सरकार ने भी स्कूलों को जनवरी से खोले जाने का फैसला लिया था। राज्‍य के कृषि और शिक्षा मंत्री आर कमलकन्नन ने बताया कि चार जनवरी से पहली से 12वीं तक के सभी स्कूलों को खोला जाएगा। राज्‍य के शिक्षा मंत्री के मुताबिक, 18 जनवरी से सभी स्कूलों में कोरोना संकट से पहले की तरह पूरे दिन कक्षाएं चलने लगेंगी।

बिहार 

बिहार सरकार ने भी 4 जनवरी से चरणवार स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थानों खोलने को हरी झंडी दे दी है। शुरुआती चरण में उच्च कक्षाओं के स्कूल कॉलेज खुलेंगे। समीक्षा के बाद 18 जनवरी से बाकी कक्षाओं के स्कूल खोल दिए जाएंगे।

मध्‍य प्रदेश और झारखंड 

मध्य प्रदेश सरकार ने भी सभी शासकीय और निजी विद्यालयों को फिर से खोलने का फैसला लिया है। विद्यालयों में 10वीं और 12वीं के छात्रों के लिए नियमित कक्षाएं शुरू हो रही हैं। हालांकि स्कूलों को कोविड-19 महामारी के निर्देशों के अनुपालन के आदेश दिए गए हैं। 9वीं और 11वीं के छात्रों के लिए नियमित कक्षाएं आयोजित करने का फैसला स्कूलों के प्रिंसिपल लेंगे। यही नहीं झारखंड में 10वीं और 12वीं कक्षा के स्कूलों को खोलने का आदेश जारी कर दिया गया है। सरकारी स्कूलों के सभी शिक्षकों का आना अनिवार्य किया गया है।

यूपी 

उत्तर प्रदेश में सभी शिक्षा बोर्डों के 9 से 12 तक के छात्र-छात्राओं की नियमित स्कूलों में आने का आदेश दिया गया है। बोर्ड के मान्यता प्राप्त कॉलेज पहले से खुले हैं और स्वेच्छा से आने वाले छात्र-छात्राओं की पढ़ाई भी हो रही है लेकिन अब यूपी बोर्ड सहित सभी शिक्षा बोर्डों के 9 से 12 तक के छात्र-छात्राओं की नियमित स्कूलों में पढ़ाई कराने का आदेश दिया गया है। बोर्ड के मान्यता प्राप्त कॉलेज पहले से खुले हैं और स्वेच्छा से आने वाले छात्र-छात्राओं की पढ़ाई भी हो रही है लेकिन, अब यूपी बोर्ड सहित सभी शिक्षा बोर्डों के 9 से 12 तक के छात्र-छात्राओं की नियमित स्कूलों में पढ़ाई कराने का आदेश दिया गया है। यह भी निर्देश है कि स्कूल आने वाले छात्र और छात्राओं की स्वास्थ्य विभाग अभिभावकों की सहमति पर कोविड की जांच भी करेगा।

छात्र-छात्राओं को अभिभावक से सहमति लेनी होगी

उत्तर प्रदेश में इस बीच लखनऊ में कुछ विद्यार्थियों के संक्रमित होने पर प्रदेश भर से इस संबंध में सूचना मांगी गई कि अन्य जिलों में छात्र बीमार तो नहीं हैं। जिला विद्यालय निरीक्षकों (डीआइओएस) ने इस संबंध में स्पष्ट रिपोर्ट नहीं भेजी बल्कि उनकी ओर से कहा गया कि जब बच्चों की जांच होगी तब संक्रमण का पता चल सकेगा। यूपी बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को भेजे निर्देश में कहा है कि चिकित्सा एवं परिवार कल्याण के अपर मुख्य सचिव ने 19 अक्टूबर को पत्र जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि सभी शिक्षा बोर्डों के स्कूलों में पठन-पाठन के लिए भौतिक रूप से आने वाले छात्र-छात्राओं की कोविड जांच स्वास्थ्य विभाग की ओर से कराई जाएगी। इसके लिए छात्र-छात्राओं को निर्धारित प्रारूप पर अभिभावक से सहमति लेनी होगी। सचिव ने कहा कि अब भी छात्र-छात्राओं को अभिभावकों की सहमति पर ही स्कूल आना है। डीआइओएस को छात्र-छात्राओं की जांच की रिपोर्ट ईमेल व अन्य माध्यम से भेजना अनिवार्य है।

मध्‍य प्रदेश में 18 दिसंबर से खुलेंगे 10वीं और 12वीं कक्षाओं के लिए स्कूल, 1 जनवरी से कॉलेज

मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के स्कूलों और कॉलेजों को फिर से खोले जाने को लेकर महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य के सभी सरकारी और निजी विद्यालयों को कक्षा 10 और कक्षा 12 के छात्र-छात्राओं के लिए 18 दिसंबर 2020 से खोला जाएगा। इन कक्षाओं के लिए नियमित रूप से क्लासेस आयोजित की जाएंगी। साथ ही, राज्य सरकार द्वारा स्कूलों को प्रिसिपल को निर्णय लेने के छूट दी गयी है कि अन्य सीनियर क्लासेस 9वीं और 11वीं के स्टूडेंट्स के लिए कब और कैसे कक्षाओं का आयोजन किया सकेगा। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार सभी उच्च शिक्षा संस्थानों को 1 जनवरी 2021 से खोले जाने की भी अनुमति दे दी है।

झारखंड 

वर्तमान समय में सिर्फ 10वींं, 12वींं क्लास तक के बच्चों की कक्षा शुरू करने की अनुमति दी गई हैं। मेडिकल कॉलेज, डेंटल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज में भी पढ़ाई शुरू करने की अनुमति दी गई हैं, इसके अलावा सरकारी ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट भी खोले जाएंगे, साथ ही सरकार ने ऑनलाइन पढ़ाई की सुविधा भी चालू रखने का निर्देश दिया है। निर्धारित शर्तों के साथ राज्य के स्कूल, मेडिकल कॉलेजों व अन्य तकनीकी संस्थानों को खोलने पर सरकार ने मंगलवार को अहम निर्णय लिया है। 10वीं से बारहवीं के बच्चों के लिए कल से स्कूल खुल जाएंगे।

केंद्रीय विद्यालय स्कूल प्रैक्टिकल परीक्षाओं के लिए तैयार

कोरोना महामारी के कारण छात्रों के लिए कक्षाएं इस साल बाधित हुईं। हालांकि ताजा रिपोर्टों से पता चलता है कि कक्षा 10 और 12 के छात्रों को प्रैक्टिकल परीक्षाओं के लिए 15 दिसंबर के बाद स्कूल बुलाया जा सकता है। रिपोर्टें यह भी बताती हैं कि केंद्रीय विद्यालय स्कूल इन प्रैक्टिकल परीक्षाओं को शुरू करने की योजना के साथ तैयार हैं। अब वे वे छात्रों को छोटे समूहों में बुलाने जा रहे हैं और उस समय केवल प्रैक्टिकल परीक्षा का काम किया जाएगा। यह बताया गया है कि केंद्रीय विद्यालय स्कूलों को इस संबंध में क्षेत्रीय स्तर पर एक योजना तैयार करने के लिए कहा गया है। केंद्रीय विद्यालय संगठन ने स्कूलों को इससे पहले 21 सितंबर में भी खोलने की योजना बनाई थी। लेकिन अभिभावकों की सहमति न मिल पाने से इसे टाल दिया था। देश भर में करीब 1,250 केंद्रीय विद्यालय और 650 नवोदय विद्यालय हैं, जिनमें करीब 15 लाख छात्र पढ़ते हैं।

असम 

असम में स्कूल, कॉलेज व अन्य शिक्षण संस्थानों का संचालन 1 जनवरी, 2021 से सामान्य रूप से शुरू होगा। कोविड-19 महामारी के कारण राज्य सरकार द्वारा लगाए गए सभी शैक्षणिक प्रतिबंधों को नए वर्ष की शुरुआत से प्राथमिक विद्यालय से विश्वविद्यालय स्तर तक वापस ले लिया जाएगा। असम के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने सोमवार को इसकी घोषणा की है।

हरियाणा 

हरियाणा में साेमवार को फिर से स्‍कूल खुले हैं। सरकारी व निजी स्कूलों में सोमवार को विद्यार्थियों को पढ़ाई करवाने का कार्य शुरू हुआ। सिरसा में स्कूलों में प्रथम दिन विद्यार्थी फिटेनस सर्टिफिकेट लेकर नहीं पहुंचे। स्कूलों में प्रथम दिन छात्रों की संख्या कम नजर आई। स्कूलों में दसवीं व बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों को पढ़ाई करवाई जा रही है। स्कूलों में सुबह 10 बजे से दोपहर एक बजे तक तीन घंटे पढ़ाई करवाई जाएगी। शिक्षा विभाग ने नौवीं व ग्यारहवीं के विद्यार्थियों को 21 दिसंबर से पढ़ाई करवाने का फैसला लिया है।

पुणे 

शहर भर में बढ़ते कोरोनावायरस मामलों के मद्देनजर पुणे नगर निगम ने शनिवार को अपने अधिकार क्षेत्र में स्कूलों को फिर से खोलने के अपने आदेश को स्थगित कर दिया। नए आदेश के अनुसार अब सभी शैक्षणिक संस्थान 3 जनवरी, 2021 तक बंद रहेंगे। इस साल नवंबर में पुणे में अधिकारियों ने एक आदेश जारी किया था, जिसमें पुणे जिले के स्कूलों को 23 नवंबर से फिर से खोलने की अनुमति दी गई थी। अपने पहले के आदेश में अधिकारियों ने कहा था कि राज्य सरकार द्वारा जारी सभी COVID-19 सुरक्षा प्रोटोकॉल और मानक संचालन प्रक्रियाओं (SOPs) का सख्ती से पालन करके कक्षा 9 वीं से 12 वीं तक की कक्षाओं के लिए स्कूल ‘ऑफ़लाइन’ कक्षाएं फिर से शुरू कर सकते हैं। इसके अलावा हॉस्टल और आवासीय स्कूल समान मानकों के लिए, विशेष रूप से विदेशी छात्रों के लिए, दी गई तारीख से फिर से शुरू करने की अनुमति दी गई थी। हालांकि, कई माता-पिता ने पुणे में स्कूलों के फिर से खोलने पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा था कि “हमेशा संक्रमित होने का खतरा होता है”। पुणे नगर निगम के अनुसार शहर में रिकवरी रेट 94.45 प्रतिशत है, जबकि 1.83 लाख लोगों (2.61 प्रतिशत की घातक दर) ने अब तक संक्रमण के कारण दम तोड़ दिया है। वर्तमान में पुणे में 1.73 लाख सक्रिय कोरोनावायरस मामले हैं।

सीबीएसई प्रैक्टिकल परीक्षाओं के बारे में यह है अपडेट

हाल ही में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने अपने लाइव वेबिनार के दौरान आगामी बोर्ड परीक्षाओं और सीबीएसई प्रैक्टिकल परीक्षाओं के बारे में कई छात्रों के सवालों के जवाब दिए। उन्होंने कहा कि कक्षा 10 और 12 सीबीएसई परीक्षाओं के लिए पाठ्यक्रम 2021 पहले ही 30 से कम हो गया है। कोरोना महामारी के मद्देनजर प्रतिशत और पाठ्यक्रम में और कमी नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा, “सीबीएसई प्रैक्टिकल परीक्षाएं स्कूल स्तर पर आयोजित की जाती हैं। यदि छात्र प्रैक्टिकल सत्र लेने में सक्षम नहीं होते हैं, तो सरकार इस पर विचार करेगी”। हालांकि, देश भर के छात्र सीबीएसई बोर्ड परीक्षा 2021 को स्थगित करने की मांग कर रहे हैं, क्योंकि इस वर्ष महामारी के कारण कोई पढ़ाई का काम नहीं हो पाया है।

यह है शिक्षा मंत्रालय की गाइडलाइन

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बीते दिनों देश के सभी स्कूलों को खोले जाने के दौरान अपनाए जाने वाले सुरक्षा मानकों का भी एलान किया है। इसमें छात्रों के लिए पूरे समय मास्क पहनना और दो गज की दूरी को अनिवार्य किया गया है। साथ ही लंच और पानी की बोलत के साथ सैनिटाइजर को भी अनिवार्य रूप से लाना होगा। अभिभावकों की अनुमति का प्रमाण पत्र साथ लाने वाले छात्रों को ही थर्मल स्क्रीनिंग के बाद स्कूल में प्रवेश दिया जाएगा। हालांकि अभी भी ज्यादातर राज्य स्कूलों को खोलने को लेकर उहापोह में हैं। वहीं केंद्र ने साफ किया है कि स्कूलों को खोलने के लिए राज्यों की अनुमति जरूरी होगी।

सुरक्षा प्रोटोकॉल-

– स्कूल में छात्रों को पूरे समय मास्क पहनना होगा

– कक्षा में दो गज की दूरी बनाए रखनी होगी

– लंच और पानी की बोतल के साथ सैनिटाइजर लाना जरूरी

– अभिभावकों की मंजूरी का प्रमाण पत्र भी साथ में रखना होगा

– स्कूल में प्रवेश से पहले छात्रों की थर्मल स्क्रीनिंग होगी

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