राजधानी भोपाल में भगवान शिव की चोरी का मामला सामने आया है। मंदिर समिति ने तीन दिन की पूजा-पाठ के बाद मंदिर के लिए बनाए गए चबूतरे पर जयपुर से लाई गई शिवलिंग और नंदी की स्थापना की थी। देर रात तक भक्त वहां मौजूद रहे थे। सुबह 6 बजे वहां पहुंचने पर भगवान और नंदी गायब थे। समिति ने इस मामले में एक पटवारी और जमीन पर कब्जा करने वाले पक्ष पर आरोप लगाए हैं। इलाके में नाले की जमीन के कब्जे का विवाद पहले से ही न्यायालय में चल रहा है।
करोंद निवासी सुरेंद्र मीणा ने बताया कि करोंद क्षेत्र से लगे पिपलिया बाज खां में उनकी जमीन है। इस पर जयपुर से करीब 22 हजार रुपए की कीमत का शिवलिंग लाया था। लगातार तीन दिन तक पूजापाठ के बाद सोमवार दोपहर 11 बजे से लेकर 12 के बीच स्थापना की। इस दौरान पटवारी ने मूर्ति को हटाने को कहा। मैंने उनसे कहा कि यह मेरी जमीन पर है। इस पर उन्होंने प्रशासन की मदद से इसे हटवाने की धमकी भी दी थी।
साढ़े तीन घंटे में गायब हो गई
सुरेंद्र ने बताया कि रात करीब ढाई बजे तक हम वहां रहे, लेकिन बारिश होने के कारण जाना पड़ा। मंगलवार सुबह 6 बजे मौके पर पहुंचे तो नंदी और शिवलिंग गायब थी। उन्होंने पुलिस से इसकी शिकायत भी की है। अब इस मामले में विवाद बढ़ने लगा है।
सुरेंद्र ने बताया कि उनकी 10 एकड़ 62 डिसमिल जमीन है। बंदोबस्त में उनकी कुछ जमीन चली गई। अब उनके नाम पर नहीं है। उनके पिता ने वर्ष 2004 में केस किया था। इसमें 62 डेसीमल पेपर से गायब हो गई। उसका केस न्यायालय में विचाराधीन है।
हालांकि इस पर उनका ही कब्जा है। ऐसे में कुछ लोग यहां से काॅलोनियों के लिए जबरन रास्ता निकालकर नाले को खत्म कर देना चाहते हैं। इसमें एक पटवारी भी उनका ही पक्ष ले रहे हैं। मैंने अपनी जमीन पर भगवान शिव की स्थापना के लिए एक चबूतरा बनाया था। इसी से लगी सरकारी जमीन है। वह इस पर कब्जा करना चाहते हैं।