इंदौर में जागृत पालक संघ के नेतृत्व में पालकों ने सांवेर की सभा के बाद हेलीपैड कि ओर लौटते मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का काफिला रोककर स्कूलों की मनमानी और सरकार की अनदेखी पर पालकों ने सीधे सवाल दागे और इस संबंध में ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा कि जब तक स्कूलों में लूट बंद नहीं होगी तब तक वोट नहीं दी जाएगी। स्कूलों की मनमानी बंद होनी चाहिए। शिवराज के साथ एक ही गाड़ी में बैठे ज्योतिरादित्य सिंधिया उतर कर नीचे आए और पालकों को समझाइश नहीं दी, पालक वहां पर ज्ञापन की कापियां लहराते, नारे लगाते हुए बीच सड़क पर डटे रहे।
सांवेर की सभा से लौट रहे सीएम शिवराज के काफिले को पालकों ने बीच सड़क में घेर लिया और रोक लिया। इसके बाद ज्ञापन कापियां लहराने लगे। सीएम शिवराज के साथ बैठे सिंधिया नीचे उतरे। उन्होंने पालकों के साथ खड़े-खड़े 15 मिनट बात की। उन्हें समझाया और उनकी मांगों पर जल्द ही उचित निर्णय लेने का आश्वासन दिया। इसके पहले पालक फीस रेग्युलेटरी एक्ट लागू करो जैसे नारे लगाए। पालकों ने कहा कि जल्द ही सरकार इस गंभीर विषय पर सकारात्मक निर्णय लेकर पालकों को राहत नहीं देती है तो जल्द ही पालकों द्वारा बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
पालकों का मुख्यमंत्री से सीधे सवाल
- ऑनलाइन पढ़ाई के लिए पूरी फीस क्यों ?
- स्कूलों को संरक्षण और पालकों की उपेक्षा क्यों ?
- फीस रेग्युलेटरी बिल में देरी क्यों ?
- स्कूलों की मनमानी की शिकायतों पर सरकार और प्रशासन मौन क्यों ?
- जैसी पढ़ाई वैसी फीस क्यों नहीं ?
- सरकार के खिलाफ कोर्ट में खड़े स्कूल संचालकों से सरकार को हमदर्दी क्यों ?