कक्षा 9वीं से 12वीं तक के छात्रों के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से गाइडलाइन जारी की गई हैं. नए एसओपी के अनुसार, स्टूडेंट्स अपने शिक्षकों से मार्गदर्शन ले सकते हैं. लेकिन ये उनकी स्वेच्छा पर है यानी अगर वे जाना चाहते हैं, तभी जाएं, उनपर स्कूल जाने का कोई दबाव नहीं है. इसके लिए पेरेंट्स की लिखित अनुमति जरूरी होगी.
स्कूल प्रशासन की ओर से बायोमीट्रिक उपस्थिति के बजाय कॉन्टैक्ट लेस अटेंडेंस की वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी. इसके अलावा 6 फीट के अंतर को दर्शाते हुए फर्श तैयार किया जा सकता है. इसी तरह, स्टाफ रूम, ऑफिस एरिया (रिसेप्शन एरिया सहित), और अन्य जगहों (मेस, लाइब्रेरी, कैफेटेरिया, आदि) में भी सोशल डिस्टेंसिंग को फॉलो करना जरूरी होगा.
स्कूल असेंबली, स्पोर्ट्स व अन्य इवेंट में भीड़भाड़ पर सख्ती से रोक होगी. स्कूल को किसी भी आपात स्थिति में संपर्क करने के लिए शिक्षकों / छात्रों / कर्मचारियों को राज्य के हेल्पलाइन नंबर और स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के नंबर आदि भी बोर्ड पर डिस्प्ले करने होंगे.
एयर-कंडीशनिंग और वेंटिलेशन के लिए सभी एयर कंडीशनिंग उपकरणों की तापमान सेटिंग 24-30 डिग्री सेल्सियस की सीमा में होनी चाहिए. इसके अलावा सापेक्ष आर्द्रता (relative humidity) 40-70% की सीमा में होनी चाहिए. क्लासरूम में ताजी हवा जरूरी है.
स्कूल के जिमनेजियम को भी स्वास्थ्य मंत्रालय की पूरी गाइडलाइन फॉलो करनी होगी. इसके अलावा स्वीमिंग पूल कहीं भी नहीं खुलेंगे. ये पहले की तरह ही बंद रहेंगे.
स्टूडेंट्स के लॉकर पहले की तरह इस्तेमाल होंगे. लेकिन इसमें रेगुलर डिसइन्फेंक्शन किया जाएगा. स्कूल में और क्लासरूम में सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन होगा. स्टूडेंट्स पहले की तरह एक पंक्ति में नहीं बैठ पाएंगे.छात्रों के बीच नोटबुक, पेन / पेंसिल, इरेज़र, पानी की बोतल आदि जैसी वस्तुओं को साझा करने की अनुमति नहीं होनी चाहिए.
इनकी सप्लाई पूरी होनी चाहिए
पर्सनल प्रोटेक्शन की चीजें जैसे फेस कवर, मास्क, हैंड सैनिटाइजर्स आदि का बैकअप स्टॉक होना जरूरी है. ये सारी चीजें मैनेजमेंट ही टीचर्स और एम्प्लाई को उपलब्ध कराएगा. शिक्षण संकाय यह सुनिश्चित करेगा कि वे स्वयं और छात्र शिक्षण / मार्गदर्शन गतिविधियों के संचालन के दौरान मास्क पहनते हैं.
COVID की जांच के लिए थर्मल गन, अल्कोहल वाइप्स या 1% सोडियम हाइपोक्लोराइट के घोल और डिस्पोजेबल पेपर टॉवल, साबुन, आईईसी सामग्री की पर्याप्त आपूर्ति प्रदान करें. किसी भी रोगग्रस्त व्यक्ति के ऑक्सीजन स्तर की जांच के लिए पल्स ऑक्सीमीटर की व्यवस्था करनी चाहिए. स्कूल प्रशासन पर्याप्त कवर किए गए डस्टबिन और कचरा डिब्बे की उपलब्धता सुनिश्चित करें.
विद्यालय परिसर के भीतर कमरों या खुली जगहों में एक्टिविटी कराई जाएं. इसके अलावा स्कूल में कुर्सियों, डेस्क आदि के बीच 6 फीट की दूरी सुनिश्चित करने के लिए बैठने की व्यवस्था की जाए. स्कूल में सैनिटाइजेशन के लिए टाइम स्लॉट बनाए जाएं.