नई दिल्ली, 02 सितम्बर । कोविड-19 की महामारी की वजह से सरकार अपने खर्चों में कटौती कर रही है। इसी के तहत केंद्र सरकार ने अब सरकारी प्रिंटिंग गतिविधियों को बंद करने का फैसला किया है। अब विभिन्न मंत्रालयों, विभागों, सरकारी कंपनियों और बैंकों द्वारा फिजिकल फॉर्मेट में कैलेंडर, डायरी, शेड्यूलर और दूसरी सामग्री की प्रिंटिंग नहीं की जाएगी। वित्त मंत्रालय ने बुधवार को ट्वीट करके ये जानकारी दी है।
वित्त मंत्रालय ने इससे संबधित दिशा-निर्देश जारी किए, जिनमें डायरी, ग्रीटिंग कार्ड, कॉफी टेबल बुक, कैलेंडर को भौतिक रूप से छापने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। मंत्रालय की ओर से जारी निर्देश में कहा गया कि ऐसी सभी वस्तुओं को अब केवल डिजिटल रूप में जारी किया जाएगा। मंत्रालय ने कहा कि ये दिशा-निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे।
वित्त मंत्रालय ने जारी बयान में कहा कि दुनिया तेजी से डिजिटल तरीकों को अपना रही है। इसको देखते हुए सरकार ने भी बेस्ट प्रैक्टिस को अपनाने का फैसला किया है। इसके तहत कॉफी टेबल बुक्स की प्रिंटिंग भी नहीं होगी और ई-बुक्स के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाएगा। मंत्रालय ने कहा है कि सभी संबंधित विभागों को इन गतिविधियों के लिए डिजिटल और ऑनलाइन तरीकों को अपनाना चाहिए और इसके लिए नए तरीके खोजने का प्रयास करना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि कोरोना संकट की वजह से देश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी में 23.9 फीसदी की रेकॉर्ड गिरावट आई है। साथ ही जीएसटी का संग्रह भी अगस्त में पिछले साल की तुलना में 12 फीसदी कम रहा है। इस साल राजकोषीय घाटे के भी लक्ष्य से दोगुना रहने की आशंका है। यही वजह है कि भारत सरकार अपने खर्चों पर लगाम लगाने की कोशिश कर रही है।