यह विशेष अभियान किसानों के लिए प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत पैकेज का अंग
भारत सरकार एक विशेष अभियान के तहत अगले दो महीनों (1 जून -31 जुलाई, 2020) के दौरान दुग्ध संघों और दुग्ध उत्पादक कम्पनियों से जुड़े 1.5 करोड़ डेयरी किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) उपलब्ध कराएगी। पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने इस अभियान को मिशन के रूप में लागू करने के लिए वित्तीय सेवा विभाग के साथ मिलकर सभी राज्य दुग्ध महासंघ और दुग्ध संघों को पहले ही उपयुक्त परिपत्र और केसीसी आवेदन प्रारूप जारी कर दिये हैं।
डेयरी सहकारिता अभियान के तहत, देश के लगभग 1.7 करोड़ किसान 230 दुग्ध संघों के साथ सम्बद्ध हैं।
इस अभियान के पहले चरण में, उन सभी किसानों को कवर करने का लक्ष्य रखा गया है जो डेयरी सहकारी समितियों के सदस्य हैं और विभिन्न दुग्ध संघों से जुड़े हैं और जिनके पास केसीसी नहीं है। जिन किसानों के पास पहले से ही अपने भू स्वामित्व के आधार पर केसीसी है, वे अपनी केसीसी ऋण की सीमा को बढ़ा सकते हैं, हालांकि ब्याज की दरों से संबंधित वित्तीय सहायता केवल 3 लाख रुपये की सीमा तक ही उपलब्ध होगी। वैसे तो संपार्श्विक या कोलैटरल के बिना केसीसी ऋण की सामान्य सीमा 1.6 लाख रुपये है, लेकिन उत्पादकों और प्रसंस्करण इकाइयों के बीच बिना किसी बिचौलियों के गठजोड़ के अंतर्गत जिन किसानों का दूध सीधे तौर पर दुग्ध संघों द्वारा खरीदा जाता है, उनके मामले में ऋण सीमा कोलैटरल के बिना 3 लाख रुपये तक हो सकती है। इससे दुग्ध संघों से जुड़े डेयरी किसानों के लिए ऋण की उपलब्धता सुनिश्चित होगी और साथ ही बैंकों को ऋण चुकता होने का आश्वासन भी मिलेगा।
1.5 करोड़ डेयरी किसानों को केसीसी प्रदान करने का विशेष अभियान किसानों के लिए प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत पैकेज का अंग है। वित्त मंत्री ने 15 मई 2020 को केसीसी योजना के तहत 2.5 करोड़ नए किसानों को शामिल करने की घोषणा की थी। यह कदम अर्थव्यवस्था की हाल की मंदी से पीड़ित किसानों के हाथों में 5 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी प्रदान करेगा।
डेयरी क्षेत्र पिछले 5 वर्षों में 6 प्रतिशत से अधिक सीएजीआर के साथ अर्थव्यवस्था के सबसे तेजी से बढ़ते क्षेत्रों में से एक है, इसलिए डेयरी किसानों को कार्यशील पूंजी, विपणन आदि के लिए उनकी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अल्पकालिक ऋण प्रदान करने से उनकी उत्पादकता में जबरदस्त वृद्धि होगी।