मध्य प्रदेश में पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार के आधा दर्जन से ज्यादा मंत्रियों को नोटिस के बाद उनके सरकारी बंगले सील कर दिए गए हैं. कमलनाथ की कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में मंत्री रहे कुछ विधायकों ने बी-टाइप आवास खाली नहीं किए थे.
आवास खाली करने के लिए उन्हें बीते सप्ताह नोटिस भी जारी किया गया था. नोटिस के बावजूद इनमें से किसी ने भी आवास खाली नहीं किया. ऐसे में सरकार ने कार्रवाई करते हुए बंगलों पर सील लगा दी है.
कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी का कहना है कि जब भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) विपक्ष में थी तो उनके कई पूर्व मंत्रियों ने बंगले नहीं खाली किए थे. तब कांग्रेस ने ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की. बीजेपी ओछी सोच वाली पार्टी है और बदले की कार्रवाई के तहत इस तरह बंगले खाली करवा रही है.
मध्य प्रदेश के गृह विभाग ने पूर्व मंत्रियों को सरकारी बंगले खाली करने के निर्देश दिए हैं. जिन लोगों को नोटिस जारी हुआ है, उनमें पूर्व मंत्री तरुण भनोत, सज्जन सिंह वर्मा, हुकुम सिंह कराड़ा भी शामिल हैं.
मध्य प्रदेश के गृह विभाग ने बृजेंद्र सिंह राठौर, ओमकार सिंह मरकाम, प्रियव्रत सिंह, सुखदेव पांसे, उमंग सिंगार, पीसी शर्मा, कमलेश्वर पटेल, लखन घनघोरिय, सचिन यादव और सुरेंद्र बघेल को भी नोटिस जारी किया है.
कांग्रेस नेता और सासंद विवेक तन्खा ने मध्य प्रदेश सरकार के इस फैसले पर आपत्ति जताई है. उन्होंने ट्वीट में कहा कि मध्य प्रदेश सरकार का यह चौंकाने वाला फैसला है. कोरोना वायरस से जूझते वक्त 24 पूर्व कांग्रेसी मंत्रियों को नोटिस जारी होता है. भोपाल जब हॉटस्पॉट घोषित है, ऐसे में पूर्व मंत्रियों से आवास खाली करने को कहा जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट भी इस वक्त ऐसे कार्रवाइयों पर रोक लगा चुके हैं.