लॉकडाउन 4 में छूट के लिये केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को ज्यादा अधिकार जरूर दिये हैं, लेकिन राज्य सरकारें एक दायरे में ही फैसले ले पायेंगी. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों को इस बारे में लिखा है कि लॉकडाउन में राहत जरूर दी गई है, लेकिन राज्य सरकार गृह मंत्रालय की गाइडलाइंस को दरकिनार कर प्रतिबंधों को कम नहीं कर सकती हैं.
केंद्र सरकार ने रविवार को 31 मई तक 14 दिन के लिए देशव्यापी लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला लिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान के मुताबिक लॉकडाउन 4.0 नये नियमों वाला है. लॉकडाउन 4.0 में केंद्र ने राज्य सरकारों को किस तरह छूट दी जाये इसकी आजादी दी है. राज्य सरकारें अपने हिसाब से दुकानें खोलने से लेकर दूसरी गतिविधियों पर फैसले ले सकती हैं. लेकिन राज्य सरकारें इन निर्णयों के साथ केंद्रीय गृह मंत्रालय की गाइडलाइंस के तहत जो पाबंदियां लगाई गई हैं, उन्हें कम नहीं कर सकती हैं.
गृह सचिव ने इस संबंध में राज्यों के चीफ सेक्रेटरी को पत्र भी लिखा है. इस पत्र में लिखा गया है कि लॉकडाउन प्रतिबंधों में व्यापक छूट दिए जाने के बावजूद, राज्य या संघशासित प्रदेश MHA की गाइडलाइंस के तहत लगाए गए प्रतिबंधों को कम नहीं कर सकते. इसके अलावा ये भी लिखा गया है कि अगर राज्य चाहें तो कुछ अन्य गतिविधियों पर रोक लगा सकते हैं, लेकिन पाबंदियां घटा नहीं सकते हैं.
लॉकडाउन 4.0 की घोषणा करते हुये केंद्र ने राज्यों को निर्देश दिया है कि कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुये वो जोन का निर्धाकरण करें. दुकानें कैसे खोली जायेंगी और अंतरराज्यीय परिवहन किस तरह चलाया जाये ये फैसला भी राज्य सरकारों को ही लेना है. लेकिन केंद्र सरकार ने सिनेमा हॉल, मॉल, धार्मिक गतिविधियों से लेकर स्कूल-कॉलेज और राजनीतिक आयोजनों समेत तमाम जो पाबंदियां लगाई हैं, उनमें राज्य सरकार चाहकर भी कोई छूट नहीं दे सकती हैं.