रक्षा क्षेत्र में आत्‍मनिर्भर बनेगा भारत: वित्त मंत्री

 

नई दिल्‍ली, 16 मई । वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की चौथी किस्‍त का शनिवार को ऐलान किया। निर्मला सीतारमण ने कोयला, खनिज, रक्षा उत्पादन, सामाजिक बुनियादी ढांचा, विमानन, बिजली वितरण, अंतरिक्ष और परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में सुधारों की घोषणा की। वित्त मंत्री ने इन आठ क्षेत्रों में बड़े सुधार की घोषणा के दौरान रक्षा क्षेत्र में विदेश पूंजी निवेश (एफडीआई) की सीमा 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 फीसदी करने  के साथ ही 6 और एयरपोर्ट्स की नीलामी और कोयला क्षेत्र में सरकारी नियंत्रण खत्‍म करने का भी ऐलान किया।
वित्त मंत्री ने कोयला क्षेत्र में सरकार के एकाधिकार को खत्म करने के साथ 50 नए कोल ब्लॉक की नीलामी तुरंत करने का ऐलान भी किया। सीतारमण ने कहा कि भारत के पास दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कोयला भंडार है। उन्‍होंने आंशिक रूप से बंद पड़ी खदानों को निजी क्षेत्र को देने के साथ समय से पहले खनन पूरा करने वालों को प्रोत्साहन देने और आधारभूत ढांचे के विकास पर 50 हजार करोड़ रुपए खर्च करने की घोषणा प्रेस कांफ्रेस में की। निर्मला सीतारमण ने खनिज क्षेत्र में संरचनात्मक सुधारों पर भी जोर दिया। वित्‍त मंत्री ने बताया कि बॉक्साइट और कोयले की संयुक्त नीलामी होगी। स्टांप ड्यूटी को व्यावहारिक बनाया जाएगा।
वित्‍त मंत्री ने केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली वितरण का निजीकरण करने का भी ऐलान किया। उन्‍होंने कहा कि इससे बेहतर सेवा मिलेगा और पावर वितरण को  मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा ताकि बाकी राज्य भी इनसे प्रेरित होंगे। उन्‍होंने कहा कि इससे बिजली क्षेत्र में स्थिरता आएगी। साथ ही वित्‍त मंत्री ने कहा कि बिजली उत्पादन कंपनियों को समय पर भुगतान हो सकेगा। इसके लिए कंपनी को सब्सिडी डीबीटी के माध्यम से दी जाएगी। सीतारमण ने अस्पताल और स्कूल जैसे सामाजिक बुनियादी ढ़ाचे में निजी निवेश को आकर्षित करने के लिए वायबिलिटी गैप फंडिंग में बदलाव करने का भी ऐलान किया है। उन्‍होंने इसको 20 फीसदी से बढ़ाकर 30 फीसदी कर दिया, ताकि निजी  निवेश इसमें आएगा। इसके लिए 8100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
वित्‍त मंत्री ने देश को रक्षा क्षेत्र में आत्‍मनिर्भर बनाने के लिए रक्षा साजो-सामान बनाने वाले ऑर्डिनेंस फैक्टरी बोर्ड का कॉरपोरेटाइजेशन करने का ऐलान भी किया। सीतारमण ने ये साफ किया कि यह निजीकरण नहीं है। इससे बोर्ड के कामकाज में सुधार आएगा। हम उम्मीद करते हैं कि यह आगे सूचीबद्ध होगी, जिससे आम नागरिकों को उसके शेयर खरीदने का मौका मिलेगा। इस क्षेत्र में स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने की बात कही। इसके साथ ही रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में विदेशी निवेश की सीमा को 49 फीसदी की मौजूदा सीमा को बढ़ाकर 74 फीसदी करने का ऐलान किया। वित्‍त मंत्री ने रक्षा के क्षेत्र में उत्पादन में मेक इन इंडिया पर जोर दिया।
उन्‍होंने बताया कि सेना को भी आधुनिक हथियारों की जरूरत है, जिसका उत्पादन भी भारत में होगा। इसके साथ ही ऐसे उपकरणों और हथियारों की एक सूची अधिसूचित करने की बात भी निर्मला सीतारमण ने किया जिनके आयात पर पाबंदी होगी, उन्हें केेवल देश में ही खरीदा जाएगा। निर्मला सीतारमण ने कहा कि असैन्य विमानों के लिए वायुक्षेत्र की पाबंदी में कमी की जाएगी। उन्‍होंने कहा कि अभी देश में उनके लिए केवल 60 फीसदी वायुक्षेत्र ही उपलब्ध है, जिसके चलते कुछ मार्गों पर अतिरिक्त उड़ान भरनी पड़ती है। वायु क्षेत्र खुलने से ईंधन और वक्‍त की बचत होगी और हवाई सफर करने वालों को कम किराया देना पड़ेगा। देश में पीपीपी के तहत 6 नए हवाईअड्डे विकसित किए जाएंगे। देश में ही विमानों के रख-रखाव और मरम्मत को बढ़ावा दिया जाएगा।
वित्‍त मंत्री ने अंतरिक्ष में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ाने का मौका देने का भी ऐलान किया। उन्‍होंने कहा कि निजी कंपनियां इसरो की सुविधाओं का इस्तेमाल कर सकेंगे। जियोस्पेस डेटा के लिए उदार नीति लाई जाएगी ताकि हमारे स्टार्ट अप को विदेशों पर निर्भर न रहना पड़े।
वित्त मंत्री ने मेडिकल आइसोटोप बनाने के लिए पीपीपी मोड में रिसर्च रिएक्टर की स्थापना करने का भी ऐलान किया। इससे कैंसर जैसी बीमारियों के इलाज में दुनिया को मदद मिलेगी। दरअसल अभी परमाणु ऊर्जा पूरी तरह सरकार के पास है। इससे जल्दी खराब होने वाली सब्जियों के लिए विकिरण तकनीक के माध्यम से एक खाद्य संरक्षण बनाया जाएगा। इससे फसलों को बर्बाद होने से बचाया जा सकेगा और प्याज जैसी उपज का लंबे समय तक भंडारण हो सकेगा। स्टार्ट अप को देश की परमाणु ऊर्जा का लाभ दिया जाएगा।
वित मंत्री ने कोविड-19 की महामारी और देशव्‍यापी लॉकडाउन से अर्थव्‍यवस्‍था को उबारने और पटरी पर लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 20 लाख करोड़ रुपये के आत्‍मनिर्भर भारत अभियान के तहत पहले ही 18 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ऐलान सीतारमण पहले ही कर चुकी हैं। गौरतलब है कि वित्त मंत्री सीतारमण ने पिछले तीन दिनों के दौरान एमएसएमई, मजदूरों, ठेकेदारों, संविदा कर्मचारियों, मजदूर वर्ग, व्यापक उद्योग, प्रवासी श्रमिकों, मुफ्त खाद्यान्न, किसानों को रियायती लोन, एग्रीकल्चर इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर, माइक्रो फूड एंटरप्राइज, मछली पालन, पशुओं के टीकाकरण, औषधीय पौधों, मधुमक्खी पालन जैसे कई सेक्टर के लिए पैकेज दे चुकी हैं।
उल्‍लेखनीय है कि कोविड-19 की महामारी और देश और दुनिया में लागू लॉकडाउन के बीच जापान और अमेरिका के बाद स्वीडन ने जीडीपी का 12 फीसदी, जर्मनी ने 10.7 फीसदी के राहत पैकेज का ऐलान कर चुका है। वहीं, भारत ने अपने जीडीपी का 10 फीसदी के बराबर आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है। इसके बाद दुनिया के अन्‍य देश फ्रांस ने 9.3 फीसदी, स्‍पेन ने 7.3 फीसदी, इटली 5.7 फीसदी, ब्रिटेन 5 फीसदी, चीन 3.8 फीसदी, और दक्षिण कोरिया ने 2.2 फीसदी के राहत पैकेज का ऐलान किया है।

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