रायसेन:क्वारैंटाइन सेंटर में रखे गए 54 में से 16 जमातीयों की रिपोर्ट आई पाँजिटिव

 

पॉजिटिव, दोनों गांव में लोगों की सक्रीनिंग से पहले भारी पुलिसबल तैनात

रायसेन. रायसेन में सोमवार को 19 जमातीयों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इससे पहले 6 जमातीयों के संक्रमित पाए जाने पर कोरोना केयर में इलाज चल रहा है। 1 अन्य युवक भी जमाती के संपर्क में आने से संक्रमित हुआ है। सोमवार को जिन मरीजों की पुष्टि हुई है उनमें 9 रायसेन के समीप अल्ली गांव के है। 1 मरीज मऊपथरई गांव का है। 9 अन्य मरीज रायसेन के ही हैं। बरेली का एक कैंसर पीड़ित युवक एम्स में संक्रमित हुआ है। इस तरह जिले में कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 27 पर पहुंच गई है। सुबह तक जिला 8 मरीज होने की वजह से ओरेंज जोन में था। दोपहर तक 19 मरीजों के और संक्रमित होने की रिपोर्ट आने के बाद जिला रेड जोन में आ गया है। जिला मुख्यालय पर 23 अप्रैल तक के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया है। नए मरीज मिलने के बाद प्रदेश में सबसे ज्यादा मरीज मिलने के मामले में रायसेन छठवे नंबर आ गया है।
कलेक्टर उमाकांत भार्गव ने बताया कि ये 54 जमाती पहले से ही दरगाह स्थित क्वारैंटाइन सेंटर में रखे गए थे। शनिवार को सभी को पॉलिटेक्निक कॉलेज में शिफ्ट किया गया था। इसी दिन सभी के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए थे। इनमें से आज 19 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। बाकी की रिपोर्ट आना बाकी हैं। यहां पहले 6 जमातियों की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आ चुकी है। गवोईपुरा के अन्य युवक की सबसे पहले रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई थी। इसके अलावा एक संक्रमित मरीज बरेली तहसील का है। इसका इलाज एम्स भोपाल में चल रहा है।
जानकारी के अनुसार ये सभी लोग अलग-अलग स्थानों से जमातों से लौटकर अपने-अपने घर पहुंच गए थे। जानकारी लगने के बाद पुलिस इन्हें क्वारैंटाइन सेंटर लेकर आई थी। तब से यहीं पर थे। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम इनकी ट्रैवल हिस्ट्री पर भी काम कर रही है। ये भी पता चला है कि जमाती सही जानकारी नहीं दे रहे हैं।
गांव में पुलिसबल तैनात
अल्ली में 9 और मऊपथरई में 1 मरीज मिलने के बाद दोनों गांवों को सील करने के बाद पुलिसबल तैनात कर दिया गया है। मुस्लिम बाहुल्य इलाका होने की वजह से दोनों ही स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है। दोपहर बाद यहां स्वास्थ्य विभाग की टीम भेजी जाएगी। टीम घर-घर जाकर लोगों की सक्रीनिंग करेगी। इधर रायसेन में जो 6 मरीज मिले वे पहले से घोषित कंटेनमेंट क्षेत्र के ही रहने वाले हैं। अब यहां 23 अप्रैल तक कर्फ्यू लगा दिया गया है।

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